इस्लामाबाद: भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने में अमेरिकी मदद पर बिलावल भुट्टो जरदारी ने नाराजगी का इजहार किया है। अपने अमेरिका दौरे को सफल बताने वाले बिलावल ने तंज कसा कि अमेरिका ने पब्लिक स्टेटमेंट को छोड़ भारत का कहीं भी जिक्र नहीं किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो चाहते थे कि अमेरिका, भारत पर पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने का दबाव बनाए। इसे लेकर बिलावल ने बाइडेन प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों और प्रभावशाली सीनेटरों से मुलाकात भी की थी। इस दौरान पाकिस्तान को अमेरिकी चंदे का रास्ता जरूर खुला, लेकिन भारत के साथ संबंधों पर कोई बात नहीं बन सकी।
अमेरिका पर क्यों गुस्साए बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के नौसिखिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से भारत के साथ संबंधों को सुधारने में अमेरिकी मदद की पेशकश पर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने अमेरिका के खिलाफ नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक बयानों के अलावा अमेरिका का जिक्र कहीं नहीं किया। भारत के साथ बातचीत में वॉशिंगटन की मध्यस्थता पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंधों पर बैठकों में कोई चर्चा नहीं हुई। इसका जिक्र सिर्फ सार्वजनिक बयान में ही आया है। बिलावल चाहते थे कि अमेरिका भारत को लेकर सख्त बयान जारी करे। यही कारण था कि उन्होंने भारत के खिलाफ अपने पद की गरिमा के खिलाफ निचले स्तर की बयानबाजी की थी।