मनीला: फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंस मार्कोस जूनियर ने पूर्व अमेरिकी नौसैनिक अड्डे सुबिक बे और क्लार्क हवाई अड्डे को फिर से खोलने की संभावना से इनकार किया है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर ब्रिटिश मीडिया से बात करते हुए मार्कोस ने कहा कि पूर्व अमेरिकी सैन्य ठिकानों को फिर से खोलना फिलीपींस के संविधान के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि फिलीपींस का यह कानून अपने क्षेत्र में विदेशी सैन्य अड्डों को प्रतिबंधित करता है। फर्डिनेंस मार्कोस जूनियर को चीन का करीबी नेता माना जाता है। उनसे पहले फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते को अमेरिका समर्थक माना जाता था। उन्होंने कई मौकों पर चीन के खिलाफ सख्त बयानबाजी भी की थी। इस कारण फिलीपींस और चीन के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था।
अमेरिकी सेना के साथ काम करना चाहती है फिलीपींस की सेना
फिलीपींस की सेना ने अमेरिकी सैन्य अड्डे के बंद होने के 30 साल बाद मई 2022 में दक्षिण चीन सागर में सुबिक खाड़ी का संचालन फिर से शुरू किया था। इस अड्डे को इलाके में बढ़ती चीनी नौसेना की घुसपैठ के बाद एक्टिवेट किया गया था। तब दावा किया गया था कि फिलीपींस की सेना अमेरिका के साथ साझा मिलिट्री बेस चलाने की संभावना को तलाश रही थी। इसी के साथ फिलीपींस अपने जलक्षेत्र को अमेरिकी और जापानी युद्धपोतों के लिए भी तैयार था। उनको उम्मीद थी कि अमेरिकी और जापानी युद्धपोतों की मौजूदगी से चीन के साथ विवादित क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
फिलीपींस में 1945 से था अमेरिकी सैन्य अड्डा
नेवल बेस सुबिक बे 1945-1992 तक अमेरिका का एक प्रमुख शिप मेंटीनेंस, सप्लाई और रिक्रिएशन फैसिलिटी था। यह नेवल बेस 262 वर्ग मील इलाके में फैला अमेरिकी सशस्त्र बलों का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अड्डा था। 1992 में फिलीपींस की सरकार ने इस बेस को सुबिक बे फ्रीपोर्ट जोन में बदल दिया था। इसके बाद से अमेरिकी सेना की विदाई हो गई और इस अड्डे को बंद कर दिया गया। तब से अमेरिकी सरकार इस मिलिट्री बेस को फिर से खोलने के लिए फिलीपींस से लगातार संपर्क में थी।
फिलीपींस और चीन में है सीमा विवाद
फिलीपींस और चीन में जल क्षेत्र को लेकर विवाद है। दोनों ही देश स्प्रैटली द्वीप समूह के व्हिटसन रीफ के बड़े हिस्से पर अपना दावा करते हैं। पिछले कई महीनों से फिलीपींस की जल सीमा में मौजूद एक द्वीप पर चीनी नौकाओं ने कब्जा किया हुआ है। जब इस द्वीप पर दोबारा कब्जे के लिए फिलीपींस ने अपनी सेना भेजी तो उसे चीन ने खदेड़ दिया और नौका को भी जब्त कर लिया। इस घटना के बाद फिलीपींस के तत्कालीन राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने चीन से युद्ध को ही एकमात्र विकल्प बताया था।