देहरादून: आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर पर एम्पैनलमेंट का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में संजीव चतुर्वेदी केंद्र से संयुक्त सचिव स्तर पर एम्पैनलमेंट के रिकॉर्ड मांगते रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर इन रिकॉर्ड्स के न मिलने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. खास बात यह है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने भी केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को संबंधित रिकॉर्ड्स याचिकाकर्ता संजीव चतुर्वेदी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. जिनका पालन नहीं होने पर संजीव चतुर्वेदी ने अवमानना याचिका दायर की थी.
दरअसल संजीव चतुर्वेदी केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर पर एम्पैनलमेंट का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उनके यह प्रयास सफल नहीं हो पाए थे, जिसके बाद उन्होंने इससे तमाम रिकॉर्ड्स संबंधित विभाग से मांगे थे.संजीव चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट में खुद बहस करते हुए कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना का विषय रखा. संजय चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले पर न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकल पीठ में 23 अक्टूबर को प्रतिवादी डीओपीटी सचिव विवेक जोशी को अवमानना नोटिस जारी किया है. संजीव चतुर्वेदी ने 3 सितंबर के हाईकोर्ट के आदेश का पालन न होने पर यह याचिका दायर की थी.
कोर्ट में याचिकाकर्ता संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि 11 सितंबर 2024 को लिखे पत्र और बाद में भेजे गए रिमाइंडर के जरिए डीओपीटी सचिव को हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी दी गई. इसके बावजूद जानबूझकर आदेशों का उल्लंघन किया गया. इस मामले में हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है और अगले एक हफ्ते के भीतर इस पर आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.
इससे पहले 15 नवंबर 2022 को केंद्र सरकार के एक आदेश में कहा गया कि कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति द्वारा संजीव चतुर्वेदी को केंद्र में संयुक्त सचिव/ समान पद धारण करने के लिए एम्पैनलमेंट में शामिल करने की स्वीकृति नहीं दी है. खास बात यह है कि संजीव चतुर्वेदी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान कई बार उत्कृष्ट ग्रेडिंग दी गई है. इसके अलावा हरियाणा कार्यकाल के दौरान उनके पक्ष में चार बार राष्ट्रपति आदेशों की बात भी कोर्ट में रखी गई.
संजय चतुर्वेदी ने बताया कि उनकी प्रतिनियुक्ति के मामले में इससे पहले केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की सर्किट बेंच भी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर चुकी है, जो अभी लंबित है.