देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ नालों में भी बाढ़ आई हुई है।
वहीं,पहाड़ों से आने वाला मलबा सड़कों पर पहुंच गया है, जिससे यातायात भी प्रभावित हो गया है। बारिश के चलते, चमोली, कर्णप्रयाग आदि कई स्थानों पर तबाही का मंजर देखने को मिला है। बारिश के चलते कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ जगह लोग फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू कराया गया।
नीचे तस्वीरों में देखें कहां कितना हुआ नुकसान-
बदरीनाथ हाईवे पागलनाला के पास पहाड़ी से मलबा आने के चलते मलबे में दबे वाहन।
बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी के पास नगर पंचायत कार्यालय में मलबा व नाला उफान पर आने से नगर पंचायत कार्यालय क्षतिग्रस्त।
बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी के पास बादल फटने से क्षतिग्रस्त रेस्टोरेंट।
बदरीनाथ हाइवे पीपलकोटी अगथला के पास बादल फटने से हाइवे पर आया मलबा कई आवासीय भवन खतरे की जद में।
पीपलकोटी के अगथला गदेरे में मलबा आने से अवरुद्ध हाईवे आवासीय भवन व दुकानों में घुसा मलबा।
दशोली विकासखंड के काणा गांव में मलबे की चपेट में आई गौशालाएं।
जोशीमठ ब्लॉक के पगनों गांव के ऊपर से हुए भूस्खलन का मलबा गुलाबकोटी गांव तक पहुंचा जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत पांच परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के दिए निर्देश।
बदरीनाथ हाईवे गरुड़ गंगा के पास गरुड़ गंगा के कटाव से एक आवासीय भवन व एक होटल क्षतिग्रस्त।
बिरही गंगा पर हाइड्रो पावर में फंसे युवकों को पुरानी ट्राली से किया सुरक्षित रेस्क्यू।
दशोली विकासखंड के नैणी गांव में नेणी गदेरा उफान पर आने से पुलिस व एसडीआरएफ की टीम द्वारा ग्रामीणों को किया गया रेस्क्यू।
कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर रविवार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश और बादल फटने के बाद खतरे के निशान को पार कर गया इस दौरान संगम तट पर नमामिं गंगे का सौंदर्यीकरण जलमग्न रहा और विशालकाय पेड़ धर्मशाला परिसर में जा पहुंचे।
कर्णप्रयाग में बदरीनाथ राजमार्ग कनखुल बैंड में भूस्खलन से खतरे से खाली नहीं है, यहां पर एनएच द्वारा पखवाड़ा बीत जाने के बाद जमा मलबा नहीं हटाया है, जिससे हादसे की आशंका बनी है।
देवाल के ल्वाणी गांव में मलबा घुसने से मकान हुआ क्षतिग्रस्त।
थराली में बादल फटने के बाद प्राणमति और पिंडर नदी उफान पर रही, जिससे थराली-सूना मोटर पुल बह गया अब पुल के पिलर ही शेष रह गए हैं।
प्राणमति के सामने कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग हुआ क्षतिग्रस्त।