बांकेगंज खीरी, लखीमपुर। दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन मैलानी रेंज के बरौंछा नाले से निकले एक बाघ ने ढाका गांव आबादी से सटे खेत में चर रही बकरियों के झुंड पर हमला कर दिया। एक बकरे को मार डाला। चरवाहों के शोर-गुल करने पर वह गन्ने खेत में चला गया।
मैलानी रेंज जंगल से सटे ढाका गांव की महिलाएं रविवार दोपहर एक बजे आबादी से सटे खेत में बकरियां चराने गईं थी। इस दौरान बरौंछा नाला से निकले एक बाघ ने झुंड पर हमला कर गांव निवासी मेंहदी के बकरे को मार डाला। बाघ उसे उठाकर किसान पुजारी के गन्ने के खेत में ले गया और खा गया। सूचना पर पहुंची वन कर्मियों की टीम ने घटनास्थल के आसपास ताजे पगचिह्न मिलने पर बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है। आबादी के पास बाघ हमले से ग्रामीणों में दहशत है। हरदुआ प्रधान राम किशुन, हैप्पी सिंह, जाबिर, छोटेलाल, राम प्रसाद आदि का कहना है कि पिछले कई महीनों से ढ़ाका, हरदुआ गांवों के आसपास बाघ-बाघिन और शावकों की लगातार चहलकदमी बनी हुई है। गांवों, रास्तों और स्कूलों में सौर ऊर्जा रोशनी की व्यवस्था न होने से रात में बाघ हमले का खतरा और बढ़ जाता है। इस मार्ग से रोज करीब एक हजार ग्रामीण, महिलाएं और स्कूली बच्चे आवागमन करते हैं। दिन के उजाले में लोग किसी तरह उन्हें देखकर बचाव कर लेते हैं, लेकिन शाम और रात में अंधेरा होने के कारण यह खतरा और बढ़ जाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बाघ प्रभावित गांवों में पर्याप्त संख्या में सौर ऊर्जा वाली लाइटें लगाई जाएं। ताकि बाघों की चहलकदमी रुक सके। यदि बाघ व तेंदुआ रास्तों पर हो तो ग्रामीण उन्हें देखकर अपना बचाव कर सकें। ढाका गांव के पास बकरियों के झुंड पर बाघ के हमले की सूचना मिली है। निगरानी कराई जा रही है। ग्रामीणों को सतर्कता बरतनी चाहिए। दोबारा बाघ दिखाई पड़ने पर इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें।




-निर्भय प्रताप शाही, रेंजर, दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन, मैलानी रेंज
