जबलपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का सब्जबाग दिखाकर अफसर और ठेकेदार मिलकर जनता के साथ छलावा कर रहे हैं। शहर में बनाई जा रही स्मार्ट रोड की बातें करें तो जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में अब तक जो स्मार्ट राेड बनाई गई है वे कहीं से भी स्मार्ट नजर नहीं आ रहीं है। साधारण सड़कों की तरह ही नजर आ रहीं हैं। वहीं स्मार्ट रोड निर्माण के नाम पर ठेकेदार अधूरा काम कर जनता की मुसीबत भी बढ़ा रहे हैं। इसका एक नमूना 25 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई रांझी-घमापुर स्मार्ट रोड में देखा जा सकता है। महज नौ किमी सड़क को स्मार्ट रोड बनाने का काम बीते पांच साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया।
ठेकेदार ने अधूरा काम कर ही छोड़ दिया। दरअसल हाल में ही रांझी-घमापुर स्मार्ट रोड का अटके पड़े 300 मीटर हिस्से की सड़क तो ठेकेदार ने जैसे-तैसे बना दी पर घमापुर चौराहे की तरफ बाई का बगीचा की तरफ जाने वाले मार्ग पर सड़क किनारे निकले ओमती नाले को जस का तस छोड़ दिया। नाला न तो भूमिगत किया गया सीवेज सिस्टम दुरूस्त किया। स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी अधूरे काम को अनदेखा करते रहे। वहीं नगर निगम भी किनारा करता रहा। हाल ये है कि खुला पड़ा नाला वाहन चालकों व राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बन रहा है। नाले में न तो किसी तरह की रेलिंग लगाई गई न कोई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सुरक्षा के नाम पर सड़क के किनारे चार ड्रम रख कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई है। ये ड्रम भी वाहनों की टक्कर से तितर-बितर हो गए हैं। जिससे स्मार्ट रोड से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि खुले पड़े नाले में सुरक्षा के इंतजाम न होने से कई बार तेज रफ्तार वाहन चालक गिर चुके हैं। मवेशी भी आए दिन नाले में गिर कर घायल होते रहते हैं। बदबू और दुर्गंध से आस-पास के व्यापारी भी परेशान है। वर्षा के दौरान जब नाला उफान मारता है तो उसका गंदगी सड़क और रहवासी क्षेत्रों तक पहुंच जाती है। इस तरह न तो स्मार्ट सिटी के अफसर ध्यान दे रहे न ही नगर निगम।
300 मीटर का हिस्सा बनाने में गुजर गए दो साल, बनाया भी अधूरा
नागरिकों ने बताया कि रांझी-घमापुर रोड निर्माण का कार्य वर्ष 2018 में आंरभ हुआ था। जैसे-तैसे स्मार्ट सिटी कंपनी ने बाई का बगीचा पीएनबी बैंक तक रोड बनवा दी। पीएनबी बैंक से घमापुर चौराहे तक महज 300 मीटर का हिस्सा रोड निर्माण में बाधक बने निर्माणों के कारण अधूरा ही छोड़ दिया गया। कुछ माह पहले बाधक निर्माणों का हटाया कर जैसे-तैसे अधूरे पड़े 300 मीटर हिस्से की सड़क तो बना दी गई पर नाला यथावत छोड़ दिया गया। जबकि स्मार्ट रोड बनाने के नियम के तहत वाटर ड्रेनेज सिस्टम भी दुरूस्त किया जाना चाहिए था।
पांच साल लग एक नौ किमी की स्मार्ट राेड बनाने में
– 2018 में शुरू हुआ था रोड निर्माण का कार्य।
– 9 किमी लंबी घमापुर-रांझी स्मार्ट रोड का निर्माण कराया गया है।
– 25 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है
– 80 फीट चौड़ी रोड कई जगह 50 फीट तक सिमट गई है
रोड निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है नाला निर्माण का कार्य पहले स्मार्ट सिटी द्वारा किया जाना था प्रस्तावित था नाला निर्माण को लेकर कुछ विवाद आ गया था। नाले का निर्माण कराया जाएगा।कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री व प्रभारी स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी
रोड निर्माण के साथ ही नाला निर्माण का कार्य भी स्मार्ट सिटी को करना है, नगर निगम से इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं किया गया है।
आरके गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्मााण विभाग, नगर निगम