नई दिल्ली: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने माना है कि डेविड वॉर्नर के टेस्ट से बाहर होने के बाद दूसरी पारी में उस्मान ख्वाजा के साथ ऑस्ट्रेलियाई पारी का आगाज करने उतरे ट्रेविस हेड के काउंटर अटैक ने उन्हें परेशान कर दिया था। दूसरा टेस्ट जीतने के बाद रोहित ने कहा, ‘कल उन्होंने 12 ओवर में एक विकेट पर 61 रन बनाए जो पांच रन प्रति ओवर से ज्यादा था। हम थोड़ा घबरा गए थे और हम काफी बार फील्डिंग में बदलाव की कोशिश कर रहे थे। सुबह मैं सिर्फ इन तीनों स्पिनरों को यह कहना चाहता था कि संयम रखो। हमें बार बार फील्डिंग में बदलाव की जरूरत नहीं है, जैसा कि हमने बीती शाम किया था। हम कसी गेंदबाजी करेंगे और बल्लेबाज को ही गलती करने देंगे।’
खराब फॉर्म में चल रहे ओपनर केएल राहुल पर रोहित ने कहा, ‘जब आप इस तरह की पिचों पर खेल रहे होते हैं, तो आपको रन जुटाने के लिए अपना तरीका ढूंढने की जरूरत होती है। हम नहीं देखना चाहेंगे कि कोई खिलाड़ी कैसे रन बना रहा है क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई एकजुट होकर रन बनाए। पिछले कुछ समय से उनकी बैटिंग पर काफी बातें हो रही है। लेकिन बतौर टीम मैनेजमेंट, हम सिर्फ केएल की नहीं बल्कि हर खिलाड़ी की काबिलियत देखते हैं। अगर कोई खिलाड़ी काबिल है तो उसे ज्यादा मौके मिलते हैं।’
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने माना कि इस पिच पर पहले बल्लेबाजी करते हुए उनकी टीम को 300 से अधिक रन बनाने चाहिए थे। उन्होंने कहा, ‘इस पर पीछे मुड़कर देखें तो 300 रन बनाना शानदार होता।’ उन्होंने एक सेशन में नौ विकेट गंवाने पर निराशा जताते हुए कहा, ‘यह निराशाजनक है। इस मैच में भी हमने नागपुर की दूसरी पारी की कहानी दोहरायी।’ कमिंस ने कहा कि सीरीज के दोनों मैचों में भारत के निचले क्रम ने बल्ले से शानदार योगदान दिया और इसने मैच में बड़ा अंतर पैदा किया।