नयी दिल्ली। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी। इस बजट से हर किसी की उम्मीदें जुड़ी है। आम आदमी से लेकर खास लोगों की उम्मीदें इस बजट से जुड़ी है। लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में उन्हें राहत देगी। शेयर बाजार को भी इस बजट से उम्मीद है। निवेशकों को उम्मीदें है कि वित्त मंत्री के ऐलान ने उन्हें मुनाफा होगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक राजकोषीय समेकन भी चाहेंगे, जो अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता के लिए जरूरी है। निवेशक वृद्धि की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए नीतिगत सुधारों की उम्मीद भी कर रहे हैं। इन नीतिगत सुधारों में सब्सिडी, विनिवेश लक्ष्यों के लिए एक स्पष्ट दिशानिर्देश और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण में तेजी लाना शामिल है।
आमतौर पर आम बजट से पहले शेयर बाजारों में खामोशी ही देखने को मिलती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी।
कुल मिलाकर पिछले 10 वर्षों में छह में बजट से पहले तेजी देखी गई, और बजट के बाद पिछले 10 वर्षों में छह बार गिरावट हुई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”बाजार की नजर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे पर रहेगी। छह प्रतिशत से ऊपर का आंकड़ा बाजार को निराश करेगा। लेकिन, इसकी आशंका कम है।”
जार्विस इंवेस्ट के संस्थापक और सीईओ सुमित चंदा ने कहा कि यदि वेतनभोगी वर्ग और कॉरपोरेट के हाथों में अधिक खर्चयोग्य आय होगी तो इससे बाजार चढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के कर स्लैब में कोई भी बदलाव या पूंजीगत व्यय अथवा कम करों के रूप में कॉरपोरेट को कोई भी प्रोत्साहन सकारात्मक माना जाएगा और बाजार में बजट के बाद तेजी की उम्मीद की जा सकती है।