कराची: पाकिस्तान के हालात दिन पर दिन और बिगड़ते जा रहे हैं। किसी भी देश से मदद के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। और तो और अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भी मुंह मोड़ लिया है। जो ताजा जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक आईएमएफ ने संकट में घिरे सदस्य देशों के लिए अस्थायी तौर पर फंडिंग में इजाफा कर दिया है। इसका मकसद इन देशों के सामने मौजूद वित्तीय चुनौतियों को कम करना है। वहीं, दूसरी तरफ आईएमएफ ने अभी तक उस बेलआउट पैकेज को हाथ भी नहीं लगाया है जो पाकिस्तान को मिलने वाला था।
आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाली मदद का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन संगठन भी अपने रुख से टस से मस नहीं हो रहा है। आईएमएफ की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इस बयान से साबित होता है कि कैसे संगठन अपने नियमों में दूसरे सदस्य देशों के लिए ढील देने की तैयारी में है। आईएमएफ की तरफ से बताया गया है कि फंड के जनरल रिसोर्स अकाउंट के तहत हर साल लोन मिलने वाली सीमा को 200 फीसदी तक किया जाएगा। यह लिमिट 12 महीने यानी एक साल के लिए होगी। वर्तमान में यह आंकड़ा 145 फीसदी है।
आईएमएफ ने जो बदलाव किए हैं उसके बाद सदस्य देशों को फंड आसानी से मिल सकेगा। इस नए नियम के बाद उन्हें कड़े नियमों के बिना भी संकट के समय फंड मिल सकेगा। आईएमएफ की तरफ से आए नए नियम के बाद पिछले महीने कर्ज देने वाले पांच देश अपने भंडार का प्रयोग कर सके थे। इन देशों ने गरीब देशों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया था। आईएमएफ के बयान के मुताबिक फंड का स्टाफ 12 महीने तक कार्यकारी बोर्ड की नियुक्ति फिर से हो पाएगी। जो प्रस्ताव आया है उसके तहत कर्ज की उच्च सीमा को बरकरार रखने के प्रस्ताव पर यह बोर्ड फैसला लेगा। लेकिन परिस्थितियों को देखने के बाद ही कोई फैसला लिया जा सकेगा।
पाकिस्तान की सरकार 1.1 अरब डॉलर वाले आईएमएफ बेलआउट पैकेज को हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। वह आईएमएफ की हर मांग को पूरा करने की कोशिशें भी कर रही है। अधिकारियों की मानें तो सरकार काफी घबराई हुई भी है क्योंकि कर्ज के लिए आईएमफ को भरोसा दिलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। पाकिस्तान ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है। इसके साथ ही साथ सरकार के खर्च को भी कम किया गया है। चार मार्च को वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर वाला पैकेज मिलने वाला है। उन्होंने बताया था कि यह पैकेज इंडस्ट्रीयल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड (ICBC) की तरफ से दिया जाएगा। इस फंड की मदद से देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
डार ने बताया था कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के पास इस समय 3.82 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। कमर्शियल बैंकों के पास पड़ी धनराशि को जब इसमें शामिल किया जाएगा तो यह रकम करीब 9.26 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी। आईएमएफ ने पाकिस्तान से पेमेंट घाटे को कम करने पर भरोसा दिलाने को कहा है। उसने पाकिस्तान से कहा है कि उसे इस बात के लिए आश्वस्त किया जाए कि जून में खत्म होने वाले उसके वित्तीय वर्ष तक इस घाटे को पूरा कर लिया जाएगा। ताकि आईएमएफ के कर्ज की अगली किश्त हासिल हो सके।