दीपक शर्मा की रिपोर्ट उमरिया=कहते हैं कि सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं ऐसा ही एक मामला मानपुर नगर परिषद के पंचायत कालीन कर्मचारियों की सेवा से जुड़ा हुआ है जिनका परिषद में कार्यभार व वेतन संबंधी सभी निर्णय परिषद के गठन के पहली मीटिंग में ही हो जाना था परंतु ये मामला राजनैतिक दाव पेंच में अभी तक उलझा हुआ था जहा कुछ सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों व राजनेताओं का साफ कहना था की आप अपने पुराने मालिक के पास जाकर काम मांगो यहां मत आना जबकि वह पंचायत कालीन कर्मचारी लगभग 15 वर्षों से पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत पर कार्य कर रहे थे और शासन को अपनी सेवा दे रहे थे खैर अब उनके भर्ती संबंधी घटनाक्रम में सीएमओ नगर परिषद मानपुर श्री राजेंद्र कुशवाहा ने मसीहा बनकर उन्हें ज्वाइन करा न सिर्फ एक अच्छे प्रशासक बल्कि मानवता की भी मिशाल पेश की है सभी पंचायत कालीन कर्मचारी संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन शहडोल श्री राधेश्याम मंडलोई, जिला कलेक्टर उमरिया श्री धर्नेद्र कुमार जैन, सीएमओ नगर परिषद श्री राजेंद्र कुशवाहा के साथ साथ मामले को प्रकाश में लाने वाले सभी कलमकार साथियों का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट किया है वास्तव में राजनीति यदि अपने दायरे तक हो तो शोभा देती है किंतु यदि वह किसी की रोजी रोटी छीनने पर उतारू हो जाए तो यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है सभी प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने इस विषय पर तत्परता दिखाते हुए पंचायत कालीन कर्मचारियों के दर-दर भटक रहे परिवार को राहत दी है वह काबिले तारीफ है और आम जनमानस भविष्य में भी अन्य जनहित के कार्यों में भी इसी प्रकार निष्पक्ष कर्तव्य परायणता की अपेक्षा रखता है