फरवरी 1970 में, केरल में एडनीर मठ के प्रमुख स्वामी केशवानंद भारती ने संविधान के अनुच्छेद-26 के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। इसमें मठ की संपत्ति के प्रबंधन पर प्रतिबंध के केरल सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को चुनौती दी गई थी। तीन साल बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 7-6 बहुमत से संविधान के मूल संरचनात्मक सिद्धांत को रेखांकित किया। इसमें खास तौर पर संविधान के प्रमुख सिद्धांतों और इसकी मूल संरचना में संशोधन करने के संसद के अधिकारों पर लगे अंकुश को नए सिरे से रेखांकित किया गया।