नई दिल्ली: बीसीसीआई ने साल की पहली तारीफ को एक टीम इंडिया के लिए रिव्यू मीटिंग किया। इस मीटिंग में रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, चेतन शर्मा, रोजर बिन्नी और जय शाह शामिल हुए। इस दौरान टीम इंडिया के पिछले प्रदर्शन की समीक्षा की गई। इसके साथ ही 2023 में भारतीय टीम के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया गया, जिसमें वनडे विश्व कप को लेकर प्लानिंग और टीम इंडिया में खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया पर विस्तार से बातचीत की गई। इस मीटिंग के दौरान यह भी तय किया गया कि यो यो टेस्ट अब खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य होगा।
सिर्फ यो यो टेस्ट ही नहीं, अब खिलाड़ियों को डेक्सा टेस्ट से भी गुजरना होगा। बिना इस टेस्ट के अब टीम इंडिया में एंट्री मुश्किल होगी। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि यो यो टेस्ट तो ठीक था लोग इससे परिचित थे लेकिन अब डेक्सा टेस्ट क्या नई बला आ गई है, तो जानते हैं क्या है होता है यो यो और डेक्सा टेस्ट।
खिलाड़ियों के लिए डेक्सा टेस्ट में मूल रूप से उनकी चोट, शरीर में फैट की मात्रा और हड्डियों की मजबूती का परीक्षण किया जाता है। इस टेस्ट में शरीर की हड्डियों की डेंसिटी का पता लगाया जाता है। यह एक खास तरह का एक्स रे होता है। 10 मिनट के इस टेस्ट में पताया लगाया जा सकता है कि कोई खिलाड़ी कितना फिट है। खिलाड़ियों को अक्सर हड्डियों में फ्रैक्चर की शिकायत रहती है। ऐसे में इस यह टेस्ट काफी मददगार होता है।
यो यो टेस्ट क्या होता है
यो यो टेस्ट खिलाड़ियों के फिटनेस को परखने का एक तरीका होता है। इस टेस्ट में कुल 23 लेवल होते हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ी 5वें लेवल से शुरुआत करते हैं। इसमें 20 मीटर की दूरी पर कोण रखा जाता है जिसे खिलाड़ियों को एक तय समय पर दौड़ कर कोण तक पहुंचकर वापस आना होता है। इस तरह दोनों तरफ मिलाकर खिलाड़ी कुल 40 मीटर की दूरी तय करते हैं। इस तरह जैसे-जैसे लेवल बढ़ता है दुरी तय करने का समय कम होता जाता है। इस दौरान एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से स्कोर दिया जाता है।