मनोज बाजपेयी ने अपने लेट्स्ट इंटरव्यू में अपने उस दौर को याद किया जब छोटे-मोटे रोल के लिए भी वह बेचैन रहते थे। अपने करियर के स्ट्रगल के दिनों को मनोज बाजपेयी ने एक बार फिर याद किया है और बताया कि कैसे वह फिल्म में रोल मांगने के लिए राम गोपान वर्मा के पास पहुंचे थे। मनोज बाजपेयी ने उस वक्त फिल्ममेकर से यही कहा था कि मुझे पैसों की जरूरत है।
मनोज बाजपेयी ने बताया कैसे चमका भाग्य
Manoj Bajpayeeके अपने करियर की सबसे शानदार शुरुआत ‘सत्या’ से कैसे हुई इसपर बातें करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं मुंबई में रहता था लेकिन मराठी लहजा की जानकारी नहीं थी, मैं हिन्दी-हिन्दी भोजपुरी वाला आदमी था। मेरा ऐसा था कि एक टीम के साथ नेट प्रैक्टिस के लिए बैट्समैन और बोलर लेकर जाते हैं न कि खेलाएंगे नहीं बस सेलेक्शन में रखेंगे, बस नेट प्रैक्टिस कराएंगे…नेट प्रैक्टिस करने गया और अचानक दो बॉल मस्ती में खेल रहा है और समझ ले कि विराट कोहली ने देख लिया दूर से। उसने सेलेक्टर को बोल दिया कि इसको सेलेक्शन में लेकर आओ। तो मेरा भाग्य कुछ इस तरह का हुआ है।’
राम गोपाल वर्मा ने कहा था- मैं चार साल से तुम्हें ढूंढ रहा हूं
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं गया था फिल्म दौड़ के लिए, उसमें 3-4 कुछ छोटे-छोटे रोल थे। उसे कनन अय्यर ने लिखा था तो उन्होंने कहा कि कुछ रोल हैं उसके लिए आ जाओ। करण को जानता था मैं बैंडिड क्वीन से। राम गोपाल वर्मा ने पूछा कि तुमने क्या किया है पहले, मैंने कहा स्वाभिमान। उन्होंने पूछा कोई फिल्म की है? मैंने कहा- बैंडिड क्वीन। उन्होंने पूछा- बैंडिड क्वीन तो मेरी फेवरेट फिल्म है, उसमें क्या रोल था। मैंने कहा- आप पहचान नहीं पाओगे, अगर मैं बोलूंगा तो…साइलेंट रोल था। उन्होंने फिर पूछा- कौन सा रोल, मैंने कहा- मान सिंह तो वह अपनी जगह पर खड़े हो गए और कहा- तुमको तो मैं चार साल से ढूंढ रहा हूं।’
मनोज ने मांगे रोल क्योंकि पैसे की जरूरत थी
उन्होंने कहा- एक काम करो, तुम ‘दौड़’ को छोड़ो मेरे पास तुम्हारे लिए एक और फिल्म है। इस फिल्म में तुम लीड रहोगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छा लगा, लेकिन जो पैसा मिलेगा इस रोल से मेरे किराए, भाड़े …वो चला जाएगा, ऐसे प्रॉमिस और वादे तो होते रहते हैं इसलिए मैंने कहा- सर वो जब होगा तब होगा, मुझे ये करने दीजिए क्योंकि मुझे पैसे की जरूरत है। उसने कहा- ट्रस्ट मी, मेरे पर भरोसा रखो, मैं दूंगा, मैं बता रहा हूं कि मैं तुम्हारे साथ फिल्म बनाऊंगा। मैंने कहा- ओके सर, लेकिन बस ये वाला रोल दे दो मुझे।’
इस रोल के लिए 30 हजार रुपये मिले
मनोज ने आगे कहा, ‘बाद में थककर उसने कहा, ठीक है कर लो और इसके तुम्हें 30 हजार रुपये मिलेंगे। मेरे लिए 30 हजार मतलब पूरे साल का भाड़ा। इसके बाद सत्या की जर्नी शुरू हुई।’