रियाद: सूडान में जारी युद्ध के बीच ही एक बार फिर भारत और सऊदी अरब के रिश्ते नए मुकाम पर हैं। एक बार फिर खाड़ी का यह मुल्क भारत की मदद के लिए आगे आया है। जेद्दा में खड़े भारतीय नौसेना के जहाज में सुरक्षित भारतीयों को बैठाकर सूडान से वतन भेजा जा रहा है। साल 2015 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। उस समय सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। तब यमन से भारत ने 5600 लोगों को निकाला था। इसमें 4640 भारतीय थे और बाकी 41 देशों के नागरिक थे। सूडान की ही तरह यमन के हालात भी बेहद खराब थे और भारत सरकार वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए परेशान थी। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि आखिर कैसे भारत ने सऊदी की मदद से यमन में राहत कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया था।
सुषमा ने शेयर किया किस्सा
सुषमा स्वराज की देखरेख में भारत ने 1 अप्रैल 2015 को ऑपरेशन राहत लॉन्च किया था। यमन में आसमान से बम बरस रहे थे और जमीन पर चार हजार से ज्यादा भारतीयों का जान अटकी थी। यमन की जंग से भारतीयों को निकालना बेहद मुश्किल काम था। दिवगंत मंत्री सुषमा ने साल 2018 में एक कार्यक्रम में बैकडोर डिप्लोमेसी से जुड़ा था।
सुषमा ने कहा कि अक्सर लोग यही सवाल करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इतनी सारी विदेश यात्राओं से क्या हासिल होता है? सुषमा ने इसी दौरान यमन की जंग से जुड़ा एक किस्सा साझा किया था। सुषमा ने बताया था कि यमन में उस समय आकाश से गोले बरस रहे थे, समुद्र में लुटेरे बैठे थे और जमीन पर जंग जारी थी। जल, थल और नभ से मिलती मुश्किलों के बीच भारतीयों को निकालना बहुत मुश्किल था। सुषमा के मुताबिक तीनों रास्ते बंद थे और कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए।
इसके बाद सुषमा ने कहा, ‘उसी समय मुझे याद आया कि ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में पीएम मोदी ने सऊदी नरेश सुलमान बिन अब्दुल अजीज से कुछ देर की मुलाकात की थी। मैं फौरन पीएम के पास गई और मैंने उनसे कहा कि वह, उन्हें फोन करें।’ सुषमा ने पीएम से कहा था कि सऊदी किंग से उनकी अच्छी दोस्ती है और वह सुल्तान से अनुरोध करें कि सात दिनों के लिए जंग रोक दें। अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर सभी भारतीयों को निकाल लिया जाएगा।
इस पर पीएम मोदी ने उन्हें सऊदी किंग से बात करने का भरोसा दिया। पीएम मोदी ने किंग से बात की और सुल्तान ने उनसे एक घंटे का समय मांगा। एक घंटे के बाद सुल्तान ने उन्हें फोन किया। सुल्तान ने पीएम मोदी से कहा, ‘मैंने अपने लोगों से बात की है और सात दिनों तक युद्ध नहीं रोका जा सकता है। लेकिन रोज दो घंटे के लिए बमबारी बंद रहेगी और अगले एक हफ्ते तक ऐसा किया जाएगा।’
पीएम मोदी ने यह बात सुषमा को बताई तो पूर्व विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि दो घंटे काफी हैं। इसके बाद दूसरी चुनौती थी एयरपोर्ट को खुलवाना और यह बाधा भी दूर हो गई। एयरपोर्ट की तरफ से भारत को दो घंटे तक के लिए रास्ता देने का वादा किया गया। इसके बाद रिटायर्ड जनरल और पूर्व विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को यमन भेजा गया।
यह वह साल था जब मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) को क्राउन प्रिंस घोषित किया गया। पद संभालने के बाद उन्होंने हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और जर्मनी के नागरिकों को भारत ने बचाया था। पीएम मोदी और सऊदी किंग सलमान के बीच पहली मुलाकात साल 2014 में ब्रिसबेन में आयोजित जी-20 से इतर हुई थी। साल 2016 मे पीएम मोदी सऊदी की यात्रा पर गए थे। छह साल के बाद कोई भारतीय पीएम इस देश की यात्रा पर पहुंचा था।