कब से शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट
उन्होंने कहा कि जिस रफ्तार से काम चल रहा है, हमें उम्मीद है कि साल 2024 के अंत तक नोएडा एयरपोर्ट से विमान सेवाएं शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और एडवांस मशीनों की मदद से काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि टेस्ट फ्लाइट और सभी परीक्षण के बाद हम साल 2024 के अंत तक कॉमर्शियल फ्लाइट्स की उड़ानों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा काम डेडलाइन पर पूरा हो जाएगा और एयरपोर्ट अक्टूबर-दिसंबर 2024 में कॉमर्शियल फ्लाइट्स सर्विस के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
एडवांस होगा जेवर एयरपोर्ट
NIA के सीईओ क्रिस्टोफ़ श्नेलमैन ने कहा कि तकनीक के मामले में नोएडा एयरपोर्ट अब तक का सबसे एडवांस एयरपोर्ट होगा। यहां इमिग्रेशन काउंटर्स पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रोसेस से पैसेंजर्स को इमिग्रेशन में काफी आसानी होगी। चेकइन-चेकआउट को आसान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के ऑपरेशन की डेडलाइन को पूरा करने के लिए सभी जरूरी ऑर्डर्स पहले ही दिए जा चुके हैं। मेटल डिटेक्टर से लेकर 2D X-Ray मशीन का काम लगभग हो चुका है। उन्होंने कहा कि एयरोपोर्ट पर सिक्योरिटी और कैबिन बैग्स चेकिंग के लिए हम ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इंटरनेशनल उड़ानों को लेकर पूरी तरह तैयार
इंटरनेशनल फ्लाइट को लेकर क्रिस्टोफ़ श्नेलमैन ने कहा कि नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है। हम डे वन से इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कस्टम से लेकर इमिग्रेशन फैसिलिटी को लेकर हमारी तैयारी पहले दिन से पूरी रहेगी। हम उम्मीद करते हैं कि यहां का ट्रैफिक शुरुआती साल में मुख्य रूप से डोमेस्टिक होगा। नोएडा एयरपोर्ट पर मिक्स्ड रोटेशन गेट्स होंगे, जो एयरक्राफ्ट को डोमेस्टिक रूट्स से लेकर इंटरनेशनल रूट्स तक उड़ान भरने में मदद करेंगे। नोएडा एयरपोर्ट्स पर डोमेस्टिक और इंटरनेशनल साइड अलग-अलग नहीं होंगे।
7 करोड़ यात्रियों की कैपेसिटी
नोएडा एयरपोर्ट के सीईओ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में एक अतिरिक्त एयरपोर्ट की जरूरत है, जिसे हम पूरा करेंगे। एक ऐसे एयरपोर्ट की जरूरत हैं, जहां एयरक्राफ्ट को नाइट पार्किंग मिल सके। NIA के पास पर्याप्त जगह और सुविधाएं हैं । उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने ट्रैफिक को अपग्रेड करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे प्लान के मुताबिक नोएडा एयरपोर्ट सालाना 7 करोड़ पैसेंजर्स ट्रैफिक की क्षमता रखता है। हमारे दो टर्मिनल और कई रनवे की मदद से हम इसमें विस्तार करते रहेंगे।
1334 हेक्टेयर में बन रहा एयरपोर्ट
गौरतलब है कि नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट 1334 हेक्टेयर में बन रहा है। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे का काम सितंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के पैसेंजर टर्मिनल के लिए एक फ्लोर की प्लेट लगभग 34,000 वर्ग मीटर है। यानी करीब 4 फुटबॉल के मैदानों के बराबर। एयरपोर्ट की डेडलाइन पर पूरा करने के लिए यहां दिन-रात काम हो है। नोएडा का एयरपोर्ट में 4,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है। एटीसी टॉवर की ऊँचाई 40 मीटर है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। अनुमान के मुताबिक यहां सालाना लाख विमानों की आवाजाही होगी।