वन दरोगा कर रहा बाबू गिरी का काम,आफिस में बैठ कर चला रहा दुकान।
प्रभागीय वनाधिकारी मामले से झाड़ा पल्ला, कहा दोषियों पर होगी कार्यवाही
ब्यूरो चीफ महोबा।
महोबा। महोबा वन विभाग में तैनात वन दरोगा की मूल जिम्मेदारियां वन सुरक्षा की होने के बाद कई वर्षों से प्रभागीय वनाधिकारी के आशीर्वाद से वनदरोगा को विभाग के आफिस में ही तैनाती की जाती है आखिर क्या है पूरा मामला विस्तार से–सरकार कोई भी हो, कितनी शख्त क्यों ना हो लेकिन मामला कुछ उलट- पलट करना ही पड़ता है। साहब के कार्य खास देवेन्द्र शुक्ला की तैनाती वन दरोगा की है लेकिन इनकी ड्यूटी हमेशा आफिस में लेन देन करने एवं अवैध तरीके लकड़ी की तस्करी करने वाले माफियाओं की मिली भगत का परिणाम साबित हो रहा है।
अपनी जिम्मेदारी के निर्वाहन में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के ऊपर शीर्षाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। या फिर यूँ कहा जाये कि वगैर कार्य खास के अधिकारियों के समस्त विकासों पर पानी फिर जायेगा। देश और प्रदेश के अन्दर हो रहे भीतरघात और विकास की जवाबदेही इन्ही अधिकारियों से तय होती है लेकिन भृष्टाचार की संलिप्तता आये हुए विकास पर पानी फेर देने का कार्य करती है जो कटु सत्य है। जिला के महोबकण्ठ, पनवाड़ीे आदि क्षेत्रों में हो रही लकड़ी की अवैध कटान माफियाओं एवं ब्यवसाइयों के द्वारा अनवरत जारी रहती है जिसे उजागर करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को जूं तक नहीं रेंगती है। एक ओर प्रकृति की रूपरेखा संवारने में शासन ऐडी़ – चोटी को दांव पर लगाकर पुरजोर प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर शासन को प्रशासन गुमराह करने में अव्वल दिखाई दे रहा है। तीन रंगों की परिधान से पहचाना जाने वाला भारत देश आज विदेशी मन्चों मे पुकारा जाने लगा है जो अपने देश के लिए गर्व की बात है वहीं धरती की वन सम्पदा को नष्ट कर बदरंग करने वाले जिम्मेदारों को कोई हिचक नहीं है।