वाराणसी। हाईवे और रिंग रोड से शहर के अंदर आने वाली पांच फोरलेन और एक सिक्सलेन सड़क के लिए जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से सड़क चौड़ीकरण का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है।
छह सड़कों पर 2,728 काश्तकार हैं। वे जमीन का मुआवजा लेने के लिए लोक निर्माण कार्यालय एवं जिला प्रशासन के यहां चक्कर लगा रहे हैं। गत मार्च में पांच नमूना बैनामा पत्र मुख्यालय को भेजा गया था। लेकिन, अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिलने से योजना फंस गई है।
काश्तकारों का मजदूरों से हो रहा विवाद
अभियंताओं का कहना है कि निर्माण के लिए शासन से मुआवजा मिला है, उसे बांटा जा रहा है। शेष भूमिधरों की मुआवजा राशि आने पर दी जाएगी। कई स्थानों पर काश्तकार काम रोकने के साथ मजदूरों से विवाद कर रहे हैं। ऐसे में समय पर कार्य पूरा करना आसान नहीं होगा।
लोक निर्माण विभाग ने राजस्व विभाग के साथ सड़कों का सीमांकन करने के साथ मकान चिह्नित किया है। साथ में, किस काश्तकार की कितनी जमीन है उसका क्षेत्रफल निकालते हुए सूची बना रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग ने मकान का मुआवजा देने के साथ निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया है लेकिन अब काश्तकार जमीन देने से पहले मुआवजा की मांग रहे हैं। इसके चलते सड़क काम तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। वहीं, लोक निर्माण विभाग की ओर से भेजे गए पांच रजिस्ट्री पेपर का अभी तक नहीं आ सका है कोई जवाब।