पृथ्वी साव ने रणजी ट्रॉफी में बल्ले से रनों की बौछार की है। उन्होंने असम के खिलाफ एक मुकाबले में 383 गेंदों का सामना करते हुए 49 चौके और 4 छक्के के दम पर 379 रनों की तूफानी पारी खेली। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 98.96 का रहा, जो दर्शाता है कि यह छोटे कद का खिलाड़ी कितना विस्फोटक अंदाज में खेला। ऐसा नहीं कि पृथ्वी पहली बार इस तरह से खेले हैं। पहले भी उन्होंने इसी तरह की बैटिंग की, लेकिन सिलेक्टर्स और टीम इंडिया का मैनेजमेंट उन्हें नजरअंदाज करता आ रहा है। यह बात समझ से परे है कि एक युवा टैलेंट जोरदार प्रदर्शन के बावजूद आखिर क्यों टीम इंडिया में नहीं है, जबकि कई ऐसे खिलाड़ी खेल रहे हैं, जिन पर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं।
हार्दिक पंड्या, विराट कोहली, केएल राहुल को समर्थन तो पृथ्वी साव नजरअंदाज क्यों?
टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में खराब प्रदर्शन के बावजूद हार्दिक पंड्या टीम से बाहर हुए और IPL में दमदार प्रदर्शन के साथ वापसी की। केएल राहुल लंबे समय से परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिल रही है। विराट कोहली भी परफॉर्म करने में असफल रहे थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट, कप्तान और कोच ने सपोर्ट किया। कुछ ऐसा ही चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के साथ भी हुआ था। इसमें कोई गलत भी नहीं है। बुरे दिनों में हर किसी को सपोर्ट मिलना ही चाहिए, लेकिन पृथ्वी साव का नाम आते ही पर्सनल लाइफ को लेकर शिकायत होने लगती है, जो समझ से परे है।पृथ्वी साव डोमेस्टिक क्रिकेट में फिट तो इंटरनेशनल के लिए अनफिट क्यों?
कवर ड्राइव से लेकर पुल शॉट तक क्रिकेटिंग शॉट्स उड़ाने में माहिर पृथ्वी साव को लेकर न तो कोई ऐसी खबर है, जो एक खिलाड़ी के बारे में नहीं होनी चाहिए और न ही उनके ऊपर कोई आरोप है। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि अगर पृथ्वी साव डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलने के लिए फिट हैं तो इंटरनेशनल क्यों नहीं खेल सकते? इंटरनेशनल टीम में सिलेक्शन का मापदंड अच्छा प्रदर्शन और फिटनेस है तो पृथ्वी में ऐसी कोई कमी दिखती नहीं है। हर कोई इस बात से इत्तेफाक रखता है कि प्रदर्शन धांसू है, रही बात फिटनेस की तो टीम में चुनकर यो-यो और डेक्सा टेस्ट की कसौटी पर कस लीजिए। अगर कोई दिक्कत होगी तो पता चल जाएगी।
मोहम्मद शमी तमाम आरोपों के बावजूद खेल रहे तो पृथ्वी में क्या कमी?
एक और बात, पर्सनल लाइफ अगर टीम सिलेक्शन की कोई जरूरी कसौटी है तो यह सभी के लिए होनी चाहिए। मोहम्मद शमी पर उनकी वाइफ हसीन जहां ने ऐसा कौन-सा आरोप है, जो नहीं लगाया, लेकिन देखिए यह तेज गेंदबाज कोर्ट में जारी मुकदमे के बावजूद टीम में खेल रहा है। किसी की क्रिकेटर पर्सनल लाइफ में क्या हो रहा है इसका खेल से क्या लेना… अगर ऐसा होता तो शेन वॉर्न कभी ऑस्ट्रेलियाई टीम में नहीं आते, जो टेस्ट इतिहास के महानतम गेंदबाज हैं। बॉल ऑफ द सेंचुरी उनके नाम है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के वह करीबी दोस्त रहे।
हैरान करने वाली बात तो यह भी है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ऐसा टूर्नामेंट है, जो किसी भी तरह से आईसीसी इवेंट से कम नहीं है। इसमें भी पृथ्वी साव के खेलने को लेकर कोई रोक-टोक नहीं है। पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली खुद दिल्ली कैपिटल्स के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट हैं। उनसे बेहतर पृथ्वी साव की रिपोर्ट किसके पास होगी। वह इससे पहले भी दिल्ली से जुड़े थे और सब कुछ जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी चुप्पी हैरान करती है। सवाल तो यह भी है कि पृथ्वी की पर्सनल लाइफ का ठेकेदार है कौन, जो सिलेक्शन नहीं होने दे रहा?
पृथ्वी साव अब टीम में नहीं आए तो यह भारतीय क्रिकेट का दुर्भाग्य!
एक आखिरी बात, यह समय और किस्मत ही तो कहेंगे कि टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने 2018 में पृथ्वी साव को सचिन, सहवाग और लारा तीनों का एक रूप बताया था। पृथ्वी ने डेब्यू मैच में शतक जड़ने के साथ ही दो मैचों में 237 रन ठोक डाले थे। उन्होंने कहा था- वह क्रिकेट के लिए ही पैदा हुआ है। वह 8 वर्ष से ही मुंबई के मैदानों पर कोहराम मचा रहा है। उसे देखने भर से ही सुकून मिल जाता है। उसकी बैटिंग में थोड़ा सचिन, थोड़ा वीरू है और जब चलता है तो उसमें थोड़ा लारा भी दिखते हैं…। लेकिन समय ने ऐसी पलटी मारी कि यह युवा बैटिंग तोप आज टीम इंडिया से बाहर है और तमाम रिकॉर्ड बरसाने के बावजूद सिलेक्टर्स सुध नहीं ले रहे। हो सकता है यह रिकॉर्ड पारी उनकी आंखों की पट्टी खोल दे। अगर अब भी पृथ्वी का चयन नहीं होता है तो यह अपने आप में भारतीय क्रिकेट का दुर्भाग्य होगा और एक टैलेंट मुफ्त में खर्च हो जाएगा।