नई दिल्ली : एफपीआई (FPI) भारतीय बाजार में लगातार बिकवाल बने हुए हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने लगातार 11 दिनों तक बाजार में बिकवाली की है। इस तरह एफपीआई 11 दिनों में कुल 14,300 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि एफपीआई निकाले गए पैसे को चीन और यूरोप जैसे पिछले साल के अंडरपरफॉर्मर्स में निवेश कर रहे हैं। ये पहले अंडरफरफॉर्म रहे बाजार अब अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। इस तरह एफआईआई भारत जैसे ओवरवैल्यूड बाजारों में बिकवाली करके कम वैल्यूएशन वाले मार्केट्स में निवेश कर रहे हैं।
कमजोर हो सकता है शेयर बाजार
नियर टर्म एफपीआई एक्टिविटी में यह एक महत्वपूर्ण ट्रेंड है। यह सिलसिला जारी रहा तो भारतीय बाजार (Indian Stock Market) और कमजोर हो सकता है। हालांकि, बिक्री अंधाधुंध नहीं होगी। दिसंबर 2022 में एफपीआई ने कैपिटल गुड्स, एफएमसीजी और फाइनेंशियल सर्विसेज में खरीदारी की थी। बिक्री मुख्य रूप से आईटी सेक्टर में थी।
मुनाफावसूली कर रहे एफपीआई
एफआईआई उन शेयरों को बेचेंगे जिनमें वे मुनाफे पर बैठे हैं। जैसे बैंकिंग सेगमेंट। यह सेगमेंट मजबूत बना हुआ है। पिछले साल भी एफआईआई द्वारा बैंकों में बिकवाली घरेलू निवेशकों के लिए अवसर साबित हुई थी। वैश्विक स्तर पर अच्छी आर्थिक खबरों के घरेलू बाजारों के लिए बुरी खबर बनने की घटना निकट भविष्य में जारी रह सकती है। यूएस के लेटेस्ट डेटा से पता चलता है कि रोजगार सृजन बढ़ रहा है और बेरोजगारी के दावों में कमी आ रही है।
कितना रहा है एफपीआई निवेश
बीती तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का 48,570 करोड़ रुपये का शुद्ध इनफ्लो देखने को मिलाा था। इससे पहले एफपीआई की हिस्सेदारी 30 सितंबर, 2022 को 10 साल के निचले स्तर 19.03 फीसदी पर आ गई थी। यह 30 जून, 2022 को 19.20 फीसदी से 0.17 फीसदी कम है।
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