राकेश गोस्वामी, नई दिल्ली: अमेरिका के एक स्कूल में एक बार फिर गोलीबारी की घटना हुई है। हमलावर ने सोमवार को टेनेसी राज्य के नैशविल शहर में एक कॉन्वेंट स्कूल कोवेनेंट प्रेस्बिटेरियन चर्च में गोलियां बरसाकर छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इनमें तीन तो नौ साल के बच्चे थे। हमलावर युवती स्कूल की पूर्व छात्रा थी, जिसे पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में मार गिराया। पुलिस का कहना है कि इस युवती की कई जगहों पर हमला करने की प्लानिंग थी।
स्कूल शूटिंग की इस घटना ने पिछले साल टेक्सस के उवाल्डे में हुए नरसंहार की याद ताजा कर दी। उवाल्डे में एक 18 साल के सिरफिरे ने एक प्राइमरी स्कूल में गोलीबारी कर 22 बच्चों को मार डाला था। इससे पहले कनेक्टिकट स्टेट के न्यूटाउन शहर के सैंडी हुक प्राइमरी स्कूल में एक और सिरफिरे ने 20 छात्रों को गोलियों से भून दिया था। इतनी बड़ी-बड़ी घटनाओं के पीछे वजहें भी कुछ कम बड़ी नहीं हैं।
– अमेरिकी बंदूक रखने पर गर्व करते हैं। बंदूक से प्रति इसी प्रेम के कारण वहां हर 100 लोगों पर 120 बंदूकें हैं। स्मॉल आर्म्स सर्वे नाम से स्विट्जरलैंड की रिसर्च है कि अमेरिकी लोगों के पास लगभग 40 करोड़ बंदूकें हैं। अमेरिकी सेना से 100 गुना और पुलिस सहित बाकी एजेंसियों से 400 गुना ज्यादा।
– अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, हर 20 अमेरिकी बालिगों में से एक के पास यही बंदूक है, यानी लगभग 16 करोड़ लोगों के पास AR-15 है।
– अमेरिका के कई राज्यों में बंदूक खरीदने के लिए न परमिट चाहिए, न लाइसेंस। टेनेसी में भी नहीं चाहिए और टेक्सस में भी नहीं, जहां उवाल्डे नरसंहार हुआ था।
– अमेरिका एजेंसी FBI के अनुसार, 1968 से 2017 तक बंदूकों से लगभग 15 लाख लोगों की जान गई। यह संख्या 1775 में हुए अमेरिकी आजादी के युद्ध से लेकर अब तक हुए किसी भी संघर्ष में शहीद सैनिकों की संख्या से भी बहुत ज्यादा है।
– अमेरिकी राजनीति में बंदूक समर्थक इसका विरोध करने वालों से कहीं अधिक हैं। हथियारों का सबसे बड़ा समर्थक नैशनल राइफल्स असोसिएशन है, जिसके पास हथियार खरीदने के लिए 250 मिलियन डॉलर का सालाना बजट रहता है।
– उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं सेरा पैलिन और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्लू बुश भी इसके मेंबर रहे हैं। इसलिए किसी भी राष्ट्रपति के लिए बंदूक खरीद पर नियंत्रण लगाना बेहद कठिन है।
बंदूक बनी बीमारी
48 फीसदी अमेरिकी आबादी बंदूक हिंसा को बहुत बड़ी समस्या मानती है। प्यू रिसर्च सेंटर के 2021 के एक सर्वे में अश्वेत समुदाय के 80 फीसदी लोगों ने इसे अपने समुदाय के लिए बड़ा खतरा माना था। लेकिन इससे ज्यादा चिंता करने वाली बात है कि गन कल्चर अमेरिका में होने वाली लगभग आधी आत्महत्याओं के लिए भी जिम्मेदार है। 2020 में बंदूकों से हुई 45,000 मौतों में लगभग आधी आत्महत्याएं थीं। 2019 में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले 23,000 लोग थे। नैशविल स्कूली हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घटना पर चिंता जाहिर करते हुए इसे ‘बीमारी’ करार दिया और कहा कि अमेरिका में बंदूक हिंसा राष्ट्र की आत्मा को चोट पहुंचा रही है। राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। लेकिन वह खुद भी जानते हैं कि इस दिशा में कदम बढ़ाने पर उन्हें और उनकी पार्टी को कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।