राबंकी: जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से नाराज एक साधु ने अजीब धमकी देकर हड़कंप मचा दिया है. साधु ने कहा है कि 30 अगस्त तक उसकी मांग पूरी नहीं की जाती तो वह 1 सितम्बर को जिंदा समाधि ले लेंगे. इसके लिए बाकायदा साधु ने तैयारी भी शुरू कर दी है और अपनी अपनी कब्र भी खोद रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, राम सनेही घाट तहसील के भवनियपुर मजरे किठैया गांव रामजानकी का एक मठ है. इसी मठ में महात्मा मुकुंद पुरी पिछले कई सालों से यहां रह रहे हैं. मठ की तमाम भूमि आसपास के 4-5 गांवों में है. मुकुंद आरोप है कि महंत राजेश्वर पुरी चेला चैतनयपुरी ने मुकुंदपुरी के हक में वर्ष 2003 में एक पंजीकृत वसीयतनामा किया था. लेकिन गांव के ही कुछ लोगों ने मठ की जमीन का फर्जी ढंग से बैनामा करा लिया. जिसका वाद विचाराधीन है. बावजूद इसके विपक्षी लोग उस भूमि में जबरन दखलंदाजी कर परेशान करते हैं. साल 2016 से वह इसकी पैरवी कर रहे हैं.
बता दें कि मठ की जमीन बचाने के लिए यह मुकुंद पुरी पहले भी 8 महीने तक अन्न त्याग चुके हैं. तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई. लेकिन, उन्हें इंसाफ नही मिला. लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई. मुकुंद पुरी का आरोप है कि तमाम प्रयास के बाद भी जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन उन्होंने जिंदा समाधि लेने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने कब्र खोदनी भी शुरू कर दी है.
महात्मा मुकुंद पूरी ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर 30 अगस्त तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह 1 सितंबर को जिंदा समाधि ले लेंगे. शिकायत की प्रति उन्होंने जूना अखाड़ा के सभापति, कमिश्नर अयोध्या, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को भी भेजी है.