उत्तर प्रदेश के कानपुर में देवर संग मिलकर अपने ही पति की हत्या करने वाली महिला को छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम आश्रम से अरेस्ट किया गया है. छह महीने से देवर भाभी इस आश्रम में छिपकर सेवादार के रूप में रहते हुए फरारी काट रहे थे. पुख्ता इनपुट के आधार पर पुलिस ने आश्रम पहुंच कर इन दोनों को हिरासत में लिया है. इन आरोपियों से पूछताछ के बाद कानपुर पुलिस ने इस वारदात का खुलासा कर दिया है. मामला कानपुर के बिधनू के खेरसा गांव का है.
पुलिस के मुताबिक मूलरूप से लखीमपुर के रहने वाले दिनेश अवस्थी एक साल पहले प्रेम विवाह के बाद अपनी पत्नी के साथ खेरसा गांव में रहते थे. दिनेश के साथ ही उनका छोटा भाई मनोज भी रहता था. चूंकि दिनेश रोज दिन में काम काज के लिए घर से चला जाता था और देर रात ही वापस लौटता था. इधर, घर में पूनम और मनोज रह जाते थे. ऐसे में धीरे धीरे इन दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए. इसकी जानकारी होने पर पूनम और दिनेश में आए दिन झगड़े होने लगे. कई बार इसी बात को लेकर दोनों भाइयों भी झगड़े हुए.
24 अप्रैल की है वारदात
इन झगड़ों की वजह से मनोज और पूनम के प्यार में बाधा आने लगी. ऐसे हालात में दोनों ने दिनेश को रास्ते से हटाने का फैसला किया. इसी क्रम में पूनम ने 24 अप्रैल की रात अपने पति को लाठी डंडों से पीटा. इतने में मनोच ने चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने उसके हाथ पैर बांधकर गांव के पास ही तालाब में फेंका और फरार हो गए थे. इधर, वारदात के दो दिन बाद शव पानी के ऊपर तैरने लगा तो लोगों को खबर हुई. इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की.
फोन की लोकेशन से पकड़े गए
इस दौरान संदेह के आधार पर पुलिस ने मृतक की पत्नी और देवर के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगा दिया. दो दिन पहले पुलिस को मोबाइल लोकेशन से ही जानकारी हुई कि ये दोनों बागेश्वर धाम आश्रम में मौजूद हैं. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वारदात के दिन से ही इन लोगों ने फोन बंद कर रखा था और लखीमपुर व सीतापुर से होते हुए छतरपुर आ गए. उन्हें लगा कि अब मामला ठंडा हो गया है. ऐसे में जैसे ही इन्होंने फोन चालू किया, इनकी लोकेशन पुलिस को मिल गई. पुलिस की पूछताछ में दोनों ने वारदात कबूल किया है.