नई दिल्ली: चीन समेत कई देशों में कोरोना के BF.7 स्ट्रेन ने कहर बरपा रखा है। पिछले दो दिन में विदेश से आने वाले 39 यात्री पॉजिटिव मिले हैं। भारत में इसका सैंपल आइसोलेट किया जा चुका है। क्या अपने यहां बनी कोविड वैक्सीन BF.7 संक्रमण से बचा सकती हैं? या देसी वैक्सीन लेने वालों को गंभीर बीमारी का खतरा कम है? इन्हीं सब सवालों के जवाब जानने के लिए स्टडी चल रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमीक्रोन वेरिएंट का यह सब-लीनिएज बेहद संक्रामक है। इससे संक्रमित व्यक्ति कम से कम 10 और लोगों को संक्रमण दे सकता है। भारत में जुलाई से अबतक BF.7 वेरिएंट के चार मामलों का पता चला है। सूत्रों के अनुसार, इनमें से तीन गुजरात से हैं और एक ओडिशा से। सभी चारों मरीज या तो एसिम्प्टोमेटिक थे या उनमें बीमारी के हल्के लक्षण दिखे। राहत की बात है कि सभी कोरोना संक्रमण से रिकवर हो गए।
भारत पर कितना असर डालेगा BF.7, एक्सपर्ट्स ने क्या कहा
एक्सपर्ट्स ने कहा कि BF.7 सब-वेरिएंट चीन, जापान और साउथ कोरिया समेत कई देशों में ताजा लहर के पीछे है लेकिन भारत में इसके असर का आंकलन करने में वक्त लगेगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिक डॉक्टर एनके मेहरा ने बताया कि BF.7 का रीप्रोडक्शन वैल्यू 10 से ज्यादा है मतलब एक संक्रमित व्यक्ति 10 से ज्यादा को संक्रमित कर सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक देश में इसकी वजह से मामले नहीं बढ़े हैं।
सावधान रहें! जनवरी में बढ़ सकते हैं केस
चीन, जापान के साथ अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में जिस तरह से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 30 से 40 दिनों तक लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी होगी। मास्क पहनने समेत कोविड से बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। कोविड की पिछली लहरों का ट्रेंड देखें तो चीन, जापान, कोरिया में केस बढ़ने के 10 दिन बाद यूरोप और उसके बाद अमेरिका, लैटिन अमेरिका के देशों में केस बढ़ते हैं। फिर भारत में भी मामलों में इजाफा होता है। अगर इस बार भी ऐसा ही ट्रेंड रहा तो जनवरी में देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर कम ही रहेगी।