भोपाल
चार-पांच दिन से सर्दी बढ़ने के साथ ही बीपी (ब्लड प्रेशर) बढ़ने की समस्या ज्यादा होने लगी है। इससे हार्ट अटैक के मरीज भी बढ़ रहे हैं। जेपी में हर दिन लगभग 80 से 90 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनका बीपी बढ़ा हुआ है। वहीं एक निजी अस्पताल में भी हर दिन लगभग 50 के करीब ऐसे मरीज आ रहे हैं। इसके साथ ही हमीदिया में हर दिन करीब 15 मरीज हार्ट अटैक के आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के दिनों में हाथ-पैरों की नसें सिकुड़ जाती हैं, इससे खून पास करने के लिए हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है, इससे बीपी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है। यह समस्या हर उम्र के लोगों को हो रही है। अब 24-25 साल के युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी में हार्ट के मरीजों को अपना विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।
डेंगू: मरीजों की संख्या 500 पार
डेंगू का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। जिले में डेंगू की संख्या 500 के पार हो गई है। इसमें खास बात यह है कि वैसे तो डेंगू हर उम्र के लोगों को अपनी पकड़ में ले रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा पॉजिटिव 16 से 45 वर्ष के बीच के सामने आए हैं। वहीं सबसे कम पॉजिटिव की संख्या पांच वर्ष तक के बच्चे हुए हैं। पिछले दस बारह दिनों तक तो पॉजिटिव संख्या 15 से अधिक हर दिन आ रही है, लेकिन अभी दो दिन से एक ही रिपोर्ट आने से संख्या कम हो गई है।
JP अस्पताल में 370 बिस्तरों का अस्पताल का निर्माण ड्राइंग में बदलाव से अटका, काम दो दिन से रुका पड़ा
जेपी जिला अस्पताल परिसर में नए भवन का निर्माण हो रहा है। मगर भवन की ड्राइंग में बदलाव किया जा रहा है। जिसके चलते दो दिनों से काम बंद पड़ा है। जानकारी के अनुसार सोमवार को हेल्थ कमिश्नर डॉ सुदाम खाड़े ने निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कुछ चीजों में सुधार करने की बात कही थी। जिसके बाद दो दिन बीत गए हैं, मगर संशोधित ड्राइंग अब तक नहीं आई। दरअसल, दो-तीन महीनों में हुए कई बदलाव के बाद अब यह भवन साढ़े 6 हजार स्क्वायर फीट की जगह में बनाया जा रहा है। 370 बिस्तर वाले इस अस्पताल में भूतल के अलावा 5 मंजिल होंगी। साथ ही इस अस्पताल के ए ब्लॉक से एक पाथ के जरिए जोड़ा जाएगा। योजना के तहत इसके बनने के बाद यह प्रदेश का सबसे बड़ा व आधुनिक जिला अस्पताल होगा।
इनका कहना है…
भवन निर्माण का काम लगातार चल रहा है। कुछ फेरबदल जरूर किए गए हैं। मगर उनका काम पर असर नहीं पड़ेगा। दो साल के अंदर भवन को बनाने की समय सीमा रखी गई। इस भवन से मरीजों को एक ही जगह पर पैथोलॉजी लैब, आपरेशन थिएटर, सभी वार्ड, एक्सरे समेत अन्य सुविधा मिलेंगी।
डॉ राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल