राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मंडला जिले के निवास क्षेत्र के जेवरा (देवरीकला) में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना महासम्मेलन एवं भू-अधिकार आवासीय पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य हो रहें हैं। इसी का परिणाम हैं कि आज महिलाएँ पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारी शक्ति के रूप में अपना परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना, प्रधानमंत्री उज्जवला और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने से अब वह आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त हुई हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भी मुख्यमंत्री लाड़ली बहना जैसी अभिनव योजना के क्रियान्वयन से अब महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, उनका स्वावलंबन और मान-सम्मान बढ़ेगा।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर जनजातियों में पाये जाने वाले सिकल सेल रोग उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार एवं दवाइयों की सुविधा मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने जिले की जनता से अपील की कि सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों की जाँच गर्भावस्था के दौरान ही कराएं। राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी 89 आदिवासी विकासखंडों में पेसा अधिनियम का क्रियान्वयन होने से ग्राम सभाएँ सशक्त हुई हैं। सभी ग्राम सभाएँ अधिनियम के अनुसार अपने दायित्वों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करते हुए अपने ग्राम के विकास में योगदान करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना गरीब बहनों की जिन्दगी बदलने वाली योजना है। योजना के माध्यम से प्रतिमाह बहनों के बैंक खाते में 1 हजार रूपए की राशि आ जाने से बहनें आर्थिक रूप से सशक्त होंगी और समाज में बहनों का मान-सम्मान भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के चेहरे पर खुशी देखकर मैं मानता हूँ कि मेरी जिन्दगी सफल हो गई है। बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन पर पुष्प वर्षा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते की मांग पर नारायणगंज में जुलाई माह से महाविद्यालय प्रारंभ करने, मनेरी औद्योगिक क्षेत्र का विकास करने तथा निवास में अस्पताल का उन्नयन करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने किसी किसान के खेत को नुकसान पहुँचाये बिना 4 लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से नर्मदा नदी के पानी को किसानों के खेत तक पहुँचाने की परियोजना बनाने की बात कही।
30 तक करालें पंजीयन, लाड़ली बहना सेना बनेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित महिलाओं से अपील की कि सभी बहनें 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से अपने आवेदन कर लें, ताकि हर पात्र बहन को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल सके। मई माह में प्राप्त आवेदनों की जांच तथा दावे-आपत्ति प्राप्त करने के उपरांत पात्र बहनों के खाते में 10 जून से प्रतिमाह 1 हजार रूपए की राशि आने लगेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक गाँव में 11-11 बहनों की लाड़ली बहना सेना का गठन किया जाए, जो योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ सामाजिक कुरूतियों के विरूद्ध आवाज उठाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिलाओं से कहा कि गरीबी के कुचक्र से निकलने के लिए सभी बहनें योजना में प्राप्त राशि से प्रतिमाह कुछ न कुछ बचत अवश्य करें। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों से जुड़ने एवं आर्थिक गतिविधियों में सहभागी बनकर अच्छी आय अर्जित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में नशे की प्रवृत्ति को समाप्त करने के लिए 1 अप्रैल 2023 से सभी शराब-अहाते बंद कर दिए गए हैं। मध्यप्रदेश की धरती में बेटियों से दुराचार करने वालों के लिए फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैंने समाज में हमेशा बेटा और बेटी में भेदभाव होते देखा है, इसलिए मुख्यमंत्री बनने के बाद सर्वप्रथम मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनाई जिससे कन्या के विवाह का खर्च माता-पिता के बजाय सरकार द्वारा किया जाने लगा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ से बेटियां जन्म के बाद लखपति होने लगी हैं। त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल से महिलाएँ पंच, सरपंच, नगरपालिका और जनपद, जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य बनकर सरकार चला रही हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के नाम पर संपत्ति क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट का प्रावधान भी किया गया है। अब बहनों के नाम पर खेत, मकान, दुकान खरीदे जा रहे हैं।
पेसा नियम जनजातीय कल्याण से जुड़ा अधिनियम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी 89 आदिवासी विकासखंडों में पेसा नियम का क्रियान्वयन कर स्थानीय निवासियों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार देते हुए ग्रामसभाओं को सशक्त किया गया है। पेसा नियम के तहत ग्रामों में शांति एवं विवाद निवारण समितियों का गठन कर छोटे-मोटे विवाद अब पंच निर्णय के आधार पर निपटाए जाने लगे हैं। पुलिस अधीक्षक मंडला ने बताया कि जिले में 85 मामले बगैर एफआईआर दर्ज किए शांति एवं विवाद निवारण समिति द्वारा स्थानीय स्तर पर निराकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अधिनियम के प्रावधान अनुसार तेंदूपत्ता तोड़ने का अधिकार ग्रामसभाओं को दिया गया है। स्थानीय खनिज संसाधनों में भी जनजातीय सोसायटी, बहनों तथा स्थानीय नागरिकों को प्राथमिकता दी गई है। ग्रामों से मजदूरी के लिए व्यक्तियों को अन्य स्थान में ले जाने के पूर्व इसकी जानकारी ग्रामसभाओं को देने की अनिवार्यता की गई है।
जमीन का पट्टा देकर बना रहे जमीन का मालिक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन गरीबों के पास रहने की जगह नहीं हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना बनाई गई है। ऐसे लोगों को जमीन का पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर सभी के पक्के आवास बनाए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन में प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में घर-घर नल से शुद्ध पेयजल पहुँचाने के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे है। योजना के कार्य पूर्ण होने के बाद किसी भी बहन को पानी के लिए हेंडपंप तक नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार के बच्चों के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सीएम राईज स्कूल बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी अब हिन्दी में हो रही है।
केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फ़ग्गन सिंह कुलस्ते ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को महिलाओं को सशक्त करने के लिये लाड़ली बहना योजना लागू करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोगों को आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिए आज के कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया गया है। श्री कुलस्ते ने कहा कि नर्मदा नदी का जल किसानों के खेतों तक पहुँचे, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
विकास कार्यों का भूमि-पूजन-लोकार्पण और हितलाभ वितरण
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 224 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमि-पूजन-लोकार्पण किया। साथ ही शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजना से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को हितलाभ वितरण किया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या-पूजन से हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति और पर्यावरणीय-संरक्षण की पहल पर केन्द्रित ’धरती करे पुकार’ का मंचन हुआ। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने विकास प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। राज्यपाल श्री पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री चौहान को बहनों ने राखी भेंट की। साथ ही स्व-सहायता समूह की दीदियों द्वारा स्थानीय उत्पाद भेंट किये गये।
कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उईके, जिले के प्रभारी मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, विधायक मंडला श्री देवसिंह सैयाम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संजय कुशराम, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विनोद कछवाहा, जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में बहनें और नागरिक उपस्थित थे।
जनसेवा मित्रों, पेसा समन्वयक तथा जन अभियान परिषद के सदस्यों से संवाद
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम जन-सेवा मित्र, पेसा समन्वयक तथा जन अभियान परिषद के सदस्यों के साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने जिले में जन-सेवा मित्रों से लाड़ली बहना योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का फीडबेक लिया। उन्होंने कहा कि जन-कल्याण के इस कार्यक्रम में जन-सेवा मित्र पूरे मन से जुड़ें। मुख्यमंत्री ने इस दौरान लाड़ली बहना योजना में बहनों के पंजीयन और योजना संबंधी मैदानी स्तर की प्रतिक्रियाओं की भी जानकारी ली।
पेसा नियम को सरल भाषा में समझाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पेसा समन्वयकों से कहा कि पेसा नियम जनजातीय कल्याण के उद्देश्य से लागू किया गया है। इसका जमीनी स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समन्वयक नियम को सरल भाषा में एवं सहज तरीके से समझाएँ। मुख्यमंत्री ने इस दौरान विवाद एवं शांति निवारण समिति के माध्यम से स्थानीय स्तर पर ही बिना पुलिस मुकदमों के विवाद निपटारे की जानकारी भी ली। उन्होंने लाड़ली बहना योजना एवं पेसा नियम का विभिन्न नवाचारों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।
10 मई से चलेगा विशेष अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संवाद कार्यक्रम में बताया कि आगामी 10 मई से समस्या निवारण के लिए विशेष अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। अभियान के दौरान गाँव में ही शिविर लगा कर ग्रामीणों की समस्या का स्थानीय स्तर पर ही निदान किया जायेगा। जन-सेवा से जुड़े इस कार्य को पूरी आत्मीयता के साथ करें।