लखनऊ। बिजली के नए कनेक्शन सहित कई सेवाओं पर लगने वाली जीएसटी हटा ली गई है। जीएसटी हटाने के कारण नए बिजली कनेक्शन सहित महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए जमा होने वाला शुल्क कम हो जाएगा। वित्त मंत्रालय ने 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी कर दी है। यह अधिसूचना 10 अक्टूबर से प्रभावी मानी जाएगी। केवल डिपाजिट वर्क पर ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगी।
सुरक्षा राशि पर ब्याज, डिस्कनेक्शन चार्ज, दोबारा कनेक्शन जोड़ने का चार्ज, बिजली चोरी पर पड़ने वाले इलेक्ट्रिसिटी चार्ज, समन फीस, ओटीएस रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में जमा होने वाली सुरक्षा राशि, ओटीएस नान पेमेंट , भार परिवर्तन , नए कनेक्शन, श्रेणी में परिवर्तन, नाम परिवर्तन, अस्थायी कनेक्शन के विस्तार पर लगने वाले शुल्क के साथ अब 18 प्रतिशत जीएसटी नहीं लगेगी।
इसी तरह पुन: निरीक्षण शुल्क, नए कनेक्शन, गड़बड़ी पर बदलने और जले हुए मीटरों को बदलने का मीटर चार्ज, चेक मीटर से मीटर चेकिंग व टेस्टिंग, अधिक क्षमता के मीटर के शिफ्ट करने, अस्थायी कनेक्शन के मीटर लगाने और उनको हटाने, विशेष मामलों में मीटर को दोबारा सील करने, उपभाेक्ता की अपील पर कैपेसिटर की जांच करने और सर्विस लाइन चार्ज के साथ भी अब जीएसटी नहीं लगेगी।
इतना सस्ता हो जाएगा नया कनेक्शन
ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोवाट का घरेलू कनेक्शन लेने पर 1365 रुपये के शुल्क में 184 रुपये जीएसटी लगती है। इसी तरह दो किलोवाट का कनेक्शन लेने पर 1524 रुपये में 184 रुपये जीएसटी देना पड़ता है। शहरी क्षेत्रों में एक किलोवाट का कनेक्शन लेने पर 1858 रुपये में 228.60 रुपये, दो किलोवाट का कनेक्शन लेने पर जमा होने वाली धनराशि 2217 रुपये में भी इतनी ही जीएसटी लगती है।
पांच किलोवाट का घरेलू कनेक्शन लेने पर 7967 रुपये में 892.30 रुपये जीएसटी ग्राहकों को देना पड़ता है। इसी तरह एक से चार किलोवाट का कामर्शियल कनेक्शन लेने पर 228.60 रुपये और पांच किलोवाट का कनेक्शन लेने पर 892.30 रुपये जीएसटी का भार उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
परिषद ने लड़ी लंबी लड़ाई
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि लंबे समय से इन सेवाओं से जीएसटी हटाने की मांग की लड़ाई परिषद लड रहा था। अब जब पूरे देश में जीएसटी को अनेकों मदों समाप्त कर दिया गया है, उससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिलेगा।