लखनऊ। राजस्व वादों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले 12 जिलाधिकारियों से शासन ने स्पष्टीकरण मांगा है। इनमें प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, अयोध्या, रायबरेली, मेरठ, प्रयागराज, शाहजहांपुर, आगरा, रायबरेली, सोनभद्र, अयोध्या, बलरामपुर व देवरिया के जिलाधिकारी शामिल हैं। इस काम में ढिलाई बरतने पर 15 उप जिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सख्त हिदायत दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से राजस्व वादों के निस्तारण की लगातार निगरानी की जा रही है। बीती 31 अक्टूबर को राजस्व परिषद की ओर से वादों के निस्तारण की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई थी।
अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि कुल राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन करने वाले मेरठ, भदोही, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इस मामले में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव), लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उप जिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है।नामांतरण के मामलों के निपटारे में कोताही बरतने पर रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और भदोही के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
नामांतरण से जुड़े वादों के निस्तारण में ढिलाई के लिए दुद्धी (सोनभद्र), मिहिपुरवा (बहराइच), ओबरा (सोनभद्र), मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली सदर (रायबरेली) के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा कुर्रा-बंटवारा के प्रकरणों में खराब प्रदर्शन करने वाले भदोही, प्रतापगढ़, बलरामपुर, देवरिया और प्रयागराज के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कुर्रा-बंटवारा के मामलों के निपटारे में खराब प्रदर्शन करने वाली तहसीलों भदोही (भदोही), रानीगंज (प्रतापगढ़), हैदरगढ़ (बाराबंकी), हंडिया (प्रयागराज) और कैंपियरगंज (गोरखपुर) के उप जिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है।गौरतलब है कि प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। लंबित राजस्व मामलों के निपटारे की समीक्षा मुख्यमंत्री के स्तर पर हर 15 दिन में की जा रही है।