लखनऊ। प्रदेश की नौ ऐतिहासिक धरोहरों की सूरत बदलने की कवायद पर्यटन विभाग ने तेज कर दी है। इनके ऊपर 490 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन धरोहरों को होटलों में तब्दील किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
100-100 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
इनमें लखनऊ की छतरमंजिल, मीरजापुर का चुनार किला और झांसी के बरुआ सागर किले पर 100-100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए संबंधित कंपनियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं पर्यटन विभाग 490 करोड़ की धनराशि के निवेश के लिए अन्य कंपनियों का चयन कर रहा है।
बेतवा नदी में चलेंगे क्रूज, होगी बोटिंग
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि झांसी की बेतवा नदी में जल्द ही पर्यटकों को क्रूज की सवारी के साथ बोटिंग का भी मजा मिल सकेगा। इसकी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं। स्टीमर बोट, सिकारा बोट भी आ चुकी है। एक माह के भीतर पर्यटकों को बोटिंग की सुविधाएं मिलने लगेंगी, जबकि नए वर्ष में मई या जून में क्रूज का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा।
बुंदेलखंड का विकास सरकार की प्राथमिकता
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड का विकास सरकार की प्राथमिकता में है। यहां पर्यटन को बढ़ाने पर खास जोर दिया जा रहा है। अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली लक्ष्मी बाई का क्षेत्र वीरता, साहस आत्मसम्मान का प्रतीक है। यहां दूर-दूर से लोग भ्रमण के लिए आते हैं। नदी में बोटिंग की सुविधा के लिए सात नवंबर को ट्रायल भी कराया जा चुका है। इसका मकसद झांसी के पर्यटकों के साथ ही ओरछा और खजुराहो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करना है।