नई दिल्ली: चुनावी साल में GST की दरों में बदलाव करने और आम आदमी को राहत देने की कवायद शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार GST की फिटमेंट कमेटी ने दरों को कम करने पर विचार और चर्चा शुरू कर दी है। उन चीजों पर GST की दरें कम किए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी, जो आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरत से जुड़ी हुई हैं। इनमें गैस लाइटर, गैस स्टोव, पेन, हेयर ऑयल, प्रसाधन आइटम्स, टूथ पेस्ट, कंप्यूटर और प्रिंटर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार फिटमेंट कमिटी जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगी। उसके बाद GST काउंसिल को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। GST काउंसिल की बैठक मई के दूसरे हफ्ते में हो सकती है। उस बैठक में इस रिपोर्ट में अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
कलेक्शन पर असर नहीं
GST टैक्स एक्सपर्ट निखिल गुप्ता का कहना है कि इसकी दरों को तर्कसंगत करने के पीछे का मकसद GST टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाना होता है। इससे कलेक्शन बढ़ सकता है। पिछले अनुभव ने यह साबित किया है कि दरों में कमी के बावजूद कलेक्शन में बढ़ोतरी सबसे अधिक रही है। इकोनॉमिस्ट इस बारे में लाफर कर्व का उल्लेख करते हैं। इस अवधारणा के मायने हैं कि सरकार के पास ऐसे अवसर होते हैं, जिनमें टैक्स रेट को कम करके कलेक्शन बढ़ाए जा सकते हैं। हाल के महंगाई के आंकड़ों से पता चलता है कि रिटेल महंगाई से छह फीसदी नीचे चला गया है। महंगाई दर में कमी का सहारा लेने का यह एक उपयुक्त समय प्रतीत होता है। इकॉनमी में सबसे प्रमुख है लोगों की खरीददारी। टैक्स रेट कम होंगे तो चीजें सस्ती होंगी लिहाजा खरीदारी बढ़ेगी और आर्थिक विकास होगा।