मुंबई: अक्सर लोग पूछते हैं कि निवेश का सही समय (Investment Time) क्या है? पर्सनल फायनेंस के जानकारों का कहना है कि सही दृष्टिकोण के साथ निवेश करने का कोई अच्छा या बुरा समय नहीं होता है। जरूरत है सही रणनीति अपनाने की। आपको यह तय करना है कि अपनी बचत का कितना हिस्सा कहां निवेश करना है।
आपके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में क्या हो
किसी इनवेस्टर के पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में क्या होना चाहिए, इस पर म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर हेमांग शाह का कहना कि कुछ चीजें तो जरूर होनी चाहिए। वह तीन या उससे अधिक एसेट क्लास में एक डायवर्सिफायड तरीके से इनवेस्ट करे। कभी भी उसके पोर्टफोलियो में मल्टी-एसेट फंड जरूर हो। क्योंकि यह एक सदाबहार फंड श्रेणी है। यह लंबी अवधि के लिए पैसा बनाने वाला फंड है और शेयर बाजार में उतार चढ़ाव के बावजूद असेट अलोकेशन स्ट्रेटेजी का पालन करता है। इस प्रकार, मल्टी-एसेट फंड में आप जब चाहें, निवेश कर सकते हैं। शाह के मुताबिक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड, एक ऐसा फंड है जो कई वर्षों से इसे सफलतापूर्वक कर रहा है और निवेशकों को इससे लाभ हुआ है। यह एक मजबूत प्रदर्शन ट्रैक रिकॉर्ड के साथ अपनी श्रेणी की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है।
कुछ स्टेप और साइकिल का रखें ध्यान
शाह का कहना है कि ऐसे कुछ स्टेप और साइकिल हैं, जिनमें मल्टी-एसेट इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी एक सेंटर स्टेप लेती है। चाहे वह रिस्क मैनेजमेंट करते हुए पोर्टफोलियो की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए हो या ऐसी स्थितियां जो इक्विटी, डेट, गोल्ड और इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित सभी असेट क्लास की उपस्थिति की जोरदार मांग करती हैं। अभी जो आर्थिक स्थिति चल रही है, वह मल्टी-एसेट प्रोडक्ट में निवेश की मांग करती है।
अनिश्चित भविष्य का इशारा
इस समय निरंतर भू-राजनीतिक तनाव का परिदृष्य दिख रहा है। ऐसे में दुनिया भर के शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव चल रहा है। अस्थिर वित्तीय बाजार के बीच कई सेंट्रल बैंकों ने असाधारण तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि की है। साथ ही लगातार हाई इंफ्लेशन, कोरोनावायरस के नए संस्करण का डर आदि कारक अनिश्चित भविष्य की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे परिदृश्य में, निवेश पोर्टफोलियो में जोखिम प्रबंधन की तलाश करना आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण है। यहीं पर एक मल्टी-एसेट फंड एक उपयुक्त निवेश विकल्प के रूप में फिट बैठता है। इसका इक्विटी पार्टिसिपेशन सुनिश्चित करता है कि आपकी धन सृजन की यात्रा बरकरार रहे। इसमें डेट स्थिरता को प्रेरित करता है जबकि सोना संकट के समय देखी गई मुद्रास्फीति और अस्थिरता के खिलाफ बचाव के रूप में कार्य करता है।