नई दिल्ली। सर्दियां आते ही वातावरण में कोहरे की चादर दिखने लगती है। इसके चलते न सिर्फ सड़क यातायात बल्कि हवाई यातायात भी प्रभावित होता है।
कोहरे की अनुमानित अवधि (10 दिसंबर से 10 फरवरी तक) के दौरान एयरलाइनों को विमानों के परिचालन को लेकर फॉग को लेकर योजना बनाने का निर्देश दिया गया है।
इसे लेककर नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति ने शुक्रवार को नई दिल्ली में समीक्षा बैठक की और सर्दियों के मौसम से पहले ‘कोहरे की योजना’ पर चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की।
विमानन मंत्रालय ने की कोहरे की योजना की समीक्षा
इस दौरान सिंधिया ने कहा कि डीजीसीए द्वारा सक्रिय रुख अपनाने से कोहरे की अवधि के दौरान उड़ानों को रद्द करने और उनके मार्ग को बदलने के मामलों में गिरावट आई है।
कोहरे की अवधि के दौरान पिछले दो साल में हवाई जहाजों की आवाजाही में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वर्ष 2021-22 में, कुल 136374 विमानों की आवाजाही में से 124 उड़ानें रद्द की गई थीं। इस तरह विमानों के रद्द करने की दर 0.09 प्रतिशत थी।
वहीं, वर्ष 2022-23 में कुल 166927 विमानों की आवाजाही में से रद्द होने वाली उड़ानें कम होकर 86 रह गईं। इस तरह रद्द होने की दर 0.05 प्रतिशत रही। इसी तरह 2021-22 में, कोहरे का सामना करने वाले आठ मुख्य हवाई अड्डों से 58 उड़ानों का मार्ग बदला गया, जिनकी संख्या 2022-23 में घटकर 14 रह गई।
10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच रहता है ज्यादा कोहरा
कोहरा एक मौसमी घटना है, जो आमतौर पर जमीनी स्तर से कुछ हजार फीट ऊपर तक सीमित रहती है। सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण 1000 मीटर से नीचे खराब दृश्यता पैदा हो जाती है। यह स्थिति भारत के उत्तरी हिस्सों तक ही सीमित नहीं है और यह फ्लाइट संचालन को प्रभावित करती है। कोहरे की स्थिति के दौरान, जमीन के करीब हवा की परत में पानी की बूंदों और धूल की मौजूदगी की वजह से विजिबिलिटी खराब हो जाती है। प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच की अवधि को आमतौर पर कोहरे की अवधि माना जाता है।
कोहरे की स्थिति के लिए खुद को तैयार करें एयरलाइंस
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि हर साल डीजीसीए यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि एयरलाइंस और एयरोड्रम संचालक कोहरे की स्थिति के लिए पहले से ही खुद को तैयार करने के लिए कार्रवाई करें, ताकि उड़ानें रद्द करने और उनका मार्ग बदलने के मामले में कमी आ सके।
सिंधिया ने कहा कि इस दिशा में, डीजीसीए सभी हितधारकों के साथ जमीन पर आवश्यक समर्थन प्रणालियों की तैयारी और विमान की उपलब्धता और सीएटी II/III स्थितियों में संचालन के लिए प्रशिक्षित चालक दल के संदर्भ में ऑपरेटरों की मदद करने के लिए उत्तरदायी है।
उन्होंने कहा कि आज तक, कैट II/III के लिए योग्य 4804 फ्लाइट क्रू विभिन्न एयरलाइनों के पास उपलब्ध हैं, जिनमें 2979 कैप्टन और 1825 सह-पायलट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि छह हवाई अड्डे ऐसे हैं, जिनमें कैट-III लैंडिंग की सुविधा है और उड़ानें रनवे पर कम दृश्य सीमा के साथ उतरने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि आठ हवाई अड्डों में कैट-I क्षमता सक्षम की जाएगी, जबकि चार हवाई अड्डों में सुविधाओं को कैट-I से कैट-II में अपग्रेड किया जाएगा।