राजधानी रायपुर के साईंस कालेज के मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव परिसर में खनिज संपदा से समृद्ध छत्तीसगढ राज्य की झलक खनिज विभाग के विकास प्रदर्शनी में प्रत्यक्ष रूप से देखी जा सकती है। यहां उपलब्ध खनिज के उपयोग एवं खनन क्षेत्र की विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके आलावा एनएमडीसी के खनन क्षेत्र में खुदाई एवं परिवहन को भी चलित मॉडल के रूप में दिखाया गया है।
इंजीनियरिंग के छात्र सौरभ तिवारी एवं विकास साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य खनिज संपदा के मामले में संपन्न राज्य है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से उपलब्ध खनिज एवं उपयोगिता तथा खनन क्षेत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करायी गयी है। यह जानकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदर्शनी में दल्लीराजहरा में उपलब्ध लौह धातु का प्रमुख स्त्रोत बेन्डेड हेमेटाइट क्वार्टजाइट, बलौदाबाजार एवं सोनाखान में उपलब्ध स्वर्ण धातु का स्त्रोत, दीपिका, गेवरा कोरबा में उपलब्ध कोयला सरगुजा में उपलब्ध ग्रेफाइट व बेरिल, केषकाल बस्तर में उपलब्ध बाक्साइट व गेलेना लेपिडोलाइट, कुनकुरी जषपुर में उपलब्ध पिंक क्वार्टज, दंतेवाडा में उपलब्ध केसेटेराइट, कांकेर में उपलब्ध स्पेक्यूलेराइट आदि की जीवन्त प्रदर्षनी लगाई गई है। खनिज पदार्थों के साथ रासायनिक सूत्र भी लिखे हुए है। खनन प्रभावित क्षेत्रों में डीएमएफ मद से किये जा रहे विकास कार्यों के चित्र डिजिटल स्क्रीन पर उपलब्ध कराया गया है।