अमेरिका के लिए गुड न्यूज आई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार साल की तीसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी की रफ्तार 2.6 प्रतिशत रही है। पिछली दो तिमाही में दुनिया के सबसे ताकतवर देश की अर्थव्यस्था पटरी से उतर गई थी। जनवरी से मार्च और फिर अप्रैल से जून तक की तिमाही के दौरान अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ रेट निगेटिव थी। नए आंकड़ों के सामने आने से जो बाइडेन सरकार ने राहत की सांस ली है। बता दें, अमूमन माना जाता है कि जब किसी देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट (GDP) लगातार दो तिमाही के दौरान निगेटिव रहे तो फिर वह देश मंदी का शिकार हो गया है।
गुरुवार को जारी ब्यूरो इकोनॉमिक एनालिसिस ने कहा, “जीडीपी के आंकडे़ दर्शाते हैं कि एक्सपोर्ट में इजाफा हुआ है, कंज्यूमर स्पेंडिंग बढ़ी है, नॉन रेसिडेंशियल फिक्सड इनवेस्टमेंट बेहतर हुआ है। फेडरल गर्वमेंट और स्टेट गर्वमेंट की स्पेडिंग में इजाफा देखने को मिला है।” रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर के देश इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसें में अमेरिका की जीडीपी के ये ताजा आंकडे़ कुछ राहत देने का काम जरूर करेंगे।
पहली दो तिमाही में क्या थे आंकडे़?
साल की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के दौरान अमेरिकी की जीडीपी रफ्तार निगेटिव 1.6 प्रतिशत थी। जबकि साल की दूसरी तिमाही के दौरान अमेरिकी की जीडीपी निगेटिव 0.6 प्रतिशत थी। गुरुवार को जारी किए ताजा आंकड़ों में अभी बदलाव संभव है। पूरा सही आंकड़ा 30 नवबंर 2022 को जारी किया जाएगा। बता दें, इससे पहले जुलाई में यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा था कि देश की अर्थव्यस्था पूरी तरह से मंदी की ओर नहीं जा रही है।
बाइडेन ने इसी जुलाई में बेरोजगारी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। हालांकि, उन्हें इस बात का भरोसा था कि स्थितियों में सुधार होगा। उन्हें कहा था, “मुझे नहीं लगता कि हम मंदी की ओर जा रहे हैं।” बता दें, अमेरिका मे पिछले 40 साल में मंहगाई सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जिसको नियंत्रित करने के लिए यूएस फेड ने ब्याज दरों को बढ़ा दिया था। जिसके बाद भारत सहित अन्य देशों के सेंट्रल बैंक ने भी ब्याज दरों को बढ़ाया था।