हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ से उबरने के लिए पाकिस्तान के पास पैसे नहीं बचे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि बाढ़ के उबरने के वास्ते खर्च करने के लिए उसके पास पैसे नहीं रहे। पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री ने मंगलवार को एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र से मदद की अपील की है। पाक मंत्री ने तत्काल अंतरराष्ट्रीय मदद का आग्रह करते हुए कहा कि देश को पैसों की जरूरत पांच गुना बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के लिए अपनी मानवीय सहायता अपील को 160 मिलियन डॉलर से पांच गुना बढ़ाकर 816 मिलियन (81.6 करोड़) डॉलर कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लाखों पाकिस्तानियों के पुनर्वास के लिए संयुक्त रूप से 80 करोड़ डॉलर से ज्यादा की सहायता की ताजा अपील की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। सोमवार को जिनेवा में एक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र ने इसकी घोषणा की। इसने कहा है कि देश में बाढ़ की विभीषिका से अब भी जूझ रहे विभिन्न क्षेत्रों से जलजनित बीमारियों की खबरें आई हैं जिस पर नियंत्रण के प्रयास जारी हैं।
इस दौरान पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने जिनेवा में कहा, “हमारे पास अपनी अर्थव्यवस्था से किसी तरह का कोई खर्च करने की कोई जगह नहीं बची है।” उन्होंने विकसित दुनिया से मौजूदा घरेलू जलवायु से जुड़ी आपदा के लिए पैसों में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 70 लाख से ज्यादा लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं।
पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री अयाज सादिक ने यूएन की सभा को बताया कि देश को पुनर्निर्माण और उन लाखों लोगों के पुनर्वास में मदद करने के लिए “कई साल” लगेंगे जिनके घर बाढ़ से नष्ट हो गए हैं। असामान्य मानसूनी बारिश और ग्लेशियर के पिघलने के कारण आई बाढ़ ने दक्षिण एशियाई देश के बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया है और लगभग 1,700 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बाढ़ प्रभावितों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता तथा नजदीक आ रही सर्दी से उन्हें बचाने के लिए उचित प्रयास की जरूरत पर बल दिया। मंत्री ने कहा, ‘‘5,98,000 लोगों को आश्रय उपलब्ध कराए जाने के बावजूद 75 लाख प्रभावित लोग अब भी सूखी जमीन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं