राजधानी भोपाल (Bhopall) में के दो जगहों के नाम बदले जाएंगे। हलालपुर बस स्टैंड का नाम अब हनुमान गढ़ी बस स्टैंड होगा। वहीं लाल घाटी का नाम श्री महेंद्र नारायण दास महाराज पर रखा जाएगा। ये प्रस्ताव आज नगर निगम परिषद की बैठक में पास हो गया।
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भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ने ये मांग की थी। उन्होने कहा कि हम भारक के इतिहास को बदलने की शक्ति रखते हैं और इसके पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होने कहा कि हलाल नाम अशुद्ध है और इसे बदला जाना चाहिए। वहीं लालघाटी चौराहे पर पहले कई अपराध और हत्या हुई है इसलिए उसका नाम बदलकर भी श्री महेंद्र नारायण दास जी महाराज सर्वेश्वर चौराहा रखा जाए। अध्यक्ष ने दोनों प्रस्ताव पारित किए जाने की बात कही और सदन ने ताली बजाकर अनुमोदन किया। साध्वी प्रज्ञा सिंह ने परिषद की बैठक में पहुंचकर महापौर मालती राय और नगर निगम अध्यक्ष किसान सूर्यवंशी से मुलाकात भी की थी।
बता दें कि लंबे समय से साध्वी प्रज्ञा इन स्थानों के नाम बदलना चाहती थी। लाल घाटी का एक इतिहास रहा है और भोपाल के पहले नवाब ‘दोस्त मोहम्मद खां’ जो कि बैरसिया के पास एक जमींदार थे की इच्छा थी भोजपाल नगरी पर कब्जा करना। लेकिन उसे रास्ते में जगदीशपुर के राजा ‘नरसिंह राव चौहान’ से जीतना जरुरी था जो आसान नहीं था। कहा जाता है कि दोस्त मोहम्मद खां ने छल किया और नरसिंह राव को मैत्री भोज पर बुलाया। दोनों पक्ष से 16-16 लोग संधि प्रस्ताव में शामिल हुए ओर उन्हें खाना खिलाया गया। कुछ देर में राजा नरसिंह राव चौहान के लोग मदहोश हो गई तो दोस्त मोहम्मद खां ने उनपर हमला कर दिया और निर्ममता से सबकी हत्या कर दी। कहा जाता है कि ये इतना भीषण नरसंहार था कि सारी घाटी लाल हो गई और तभी से उसका नाम लाल घाटी पड़ गया। वहीं नदी का पानी खून से लाल हो गया और उस दिन से उसे हलाली नदी हो गया। हलालपुर बस स्टैंड का नाम भी इसी नदी के नाम पर पड़ा है।