एआरटी सेंटर की सलाह को माने, स्वस्थ जीवन जीयेँ
नियमित दवाओं और पौष्टिक आहार का करें सेवन
रायबरेली, 30 नवंबर 2022
स्थानीय निवासी शाहीन(बदला हुआ नाम) को प्रसव के दौरान खून की जरूरत थी | उनके पति सलमान (बदला हुआ नाम) जब रक्तदान के लिए गए और उनकी खून की जांच की गई तो पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव हैं | वह बहुत परेशान हो गए | जब शाहीन को पता चला तो वह बहुत ही निराश हुई | इस दौरान प्रसव के दौरान शाहीन के बच्चे की मृत्यु भी हो गई | यह दोनों घटनाएं शाहीन के लिए बहुत दुखदायी थीं | अस्पताल से सलमान को जिला अस्पताल स्थित एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी सेंटर) भेजा गया | जहां सलमान की काउंसलिंग और जाँचें हुईं और उनका इलाज शुरू किया गया | साथ ही शाहीन की भी एचआईवी की जांच की गई जिसमें वह निगेटिव पाई गई | एआरटी सेंटर पर सलमान का इलाज चल रहा है वह ठीक है और अब शाहीन और वह बच्चे के जन्म की योजना बना रहे हैं |
काउन्सलिंग के दौरान सलमान ने बताया कि ट्रक ड्राइवर के साथ खलासी का काम करता था | जिसके कारण उसे काफी समय तक परिवार से अलग दूसरे शहर में रहना पड़ता था | इसी दौरान किसी महिला असुरक्षित यौन संबंध बनाये थे |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो कि मानव शरीर में पाया जाता है | यह मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है | एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम ) एचआईवी की एक अवस्था है | यह बीमारी एचआईवी ग्रसित के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध से, एचआईवी संक्रमित रक्त के चढ़ाए जाने से, संक्रमित सुईयों एवं सीरिंज के साझा प्रयोग से तथा संक्रमित माँ से उसके होने वाले बच्चे में हो सकता है |
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अनुपम सिंह बताते हैं यदि कोई व्यक्ति एचआईवी जाँच में पॉजिटिव आता है तो मेडिकल जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर में पंजीकरण कराया जाता है जहां एचआईवी की जांच और निःशुल्क इलाज किया जाता है | मरीज की पहचान और उससे संबंधित जानकारी गोपनीय रखी जाती है | सलमान असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण एचआईवी से ग्रसित हुआ |
जिले में एड्स को लेकर अनुभव और ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीएसआई) संस्था काम कर रही हैं | एचआईवी ग्रसित मरीजों को यह भी परामर्श और अन्य सेवाएं देती हैं |
सुरक्षित यौन संबंध बनाएं | डिस्पोजेबल का ही इस्तेमाल करें। हमेशा सरकारी लाइसेंस शुदा ब्लड बैंक से ही एचआईवी मुक्त रक्त लें। इसके अलावा हर गर्भवती मां की एचआईवी जांच व संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करें।
बुखार, खांसी, वजन कम होना, लिम्फ़ नोड में सूजन, त्वचा, मुंह, आँख, नाक या कान के पास धब्बे या चकत्ते पड़ना, शरीर में दर्द या याददाश्त कमजोर होना इस बीमारी के लक्षण हैं |
एचआईवी की जांच के साथ ही मरीज की काउंसलिंग शुरू हो जाती है क्योंकि यदि रिपोर्ट में बीमारी की पुष्टि हो जाती है तो दवाएं ताउम्र चलती हैं | इसलिए मरीज को मानसिक रूप से तैयार होना बहुत ही आवश्यक होता है |
यदि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति बच्चा चाहते हैं तो वह एआरटी सेंटर की सलाह को माने और नियमित दवा का सेवन करें तो स्वस्थ बच्चे को जन्म देंगे |