नई दिल्ली: भारत की आजादी के 75वें वर्ष यानी अमृत काल (Amrit Kaal) में यह पहला आम बजट आया है। यह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी फुल ईयर बजट भी है। बजट में सात प्राथमिकताएं गिनाई गई हैं ‘सप्तऋषि’ के रूप में। इसके तहत इन्क्लूसिव डिवेलपमेंट, लास्ट माइल कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट, क्षमता विस्तार, ग्रीन ग्रोथ, यूथ पावर और फाइनैंशल सेक्टर की बात की गई है। बजट में फिर से पहले की तरह आर्थिक वृद्धि हासिल करने और इसके साथ ही राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने पर जोर है। बजट में कई अहम बाते हैं। इनमें से एक है, पर्यावरण का ध्यान रखने वाली जीवनशैली के लिए मूवमेंट शुरू करने का इरादा।
नई दिल्ली: भारत की आजादी के 75वें वर्ष यानी अमृत काल (Amrit Kaal) में यह पहला आम बजट आया है। यह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी फुल ईयर बजट भी है। बजट में सात प्राथमिकताएं गिनाई गई हैं ‘सप्तऋषि’ के रूप में। इसके तहत इन्क्लूसिव डिवेलपमेंट, लास्ट माइल कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट, क्षमता विस्तार, ग्रीन ग्रोथ, यूथ पावर और फाइनैंशल सेक्टर की बात की गई है। बजट में फिर से पहले की तरह आर्थिक वृद्धि हासिल करने और इसके साथ ही राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने पर जोर है। बजट में कई अहम बाते हैं। इनमें से एक है, पर्यावरण का ध्यान रखने वाली जीवनशैली के लिए मूवमेंट शुरू करने का इरादा।
भारत साल 2070 तक ‘पंचामृत’ और नेट जीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प ले चुका है। इससे उद्योग और अर्थव्यवस्था में पर्यावरण संरक्षण पर जोर रहेगा। इस बजट ने ग्रीन ग्रोथ के बारे में हमारे संकल्प को मजबूत किया है। बजट में एनर्जी ट्रांजिशन और नेट जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य हासिल करने के लिए 35000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम आवंटन किया गया है। हाल में नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लॉन्च किया गया था। इसका मकसद देश में ऊर्जा के स्वच्छ स्रोत के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देना है। आम बजट में इस मिशन के लिए 19 हजार 700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इससे इकॉनमी को कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद मिलेगी। क्रूड ऑयल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता घटेगी।
भारत साल 2070 तक ‘पंचामृत’ और नेट जीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प ले चुका है। इससे उद्योग और अर्थव्यवस्था में पर्यावरण संरक्षण पर जोर रहेगा। इस बजट ने ग्रीन ग्रोथ के बारे में हमारे संकल्प को मजबूत किया है। बजट में एनर्जी ट्रांजिशन और नेट जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य हासिल करने के लिए 35000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम आवंटन किया गया है। हाल में नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लॉन्च किया गया था। इसका मकसद देश में ऊर्जा के स्वच्छ स्रोत के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देना है। आम बजट में इस मिशन के लिए 19 हजार 700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इससे इकॉनमी को कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद मिलेगी। क्रूड ऑयल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता घटेगी।
बजट की एक और खास बात यह है कि इसमें युवाओं की क्षमता निखारने और उसका उपयोग करने पर जोर दिया गया है। इससे देश की तरक्की में मदद मिलेगी। युवाओं की क्षमता बढ़ाने और ‘अमृत पीढ़ी’ को अपनी चाहतें पूरी करने में मदद के लिए सरकार ने नैशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी का फोकस कौशल विकास के साथ ऐसी आर्थिक नीतियां लागू करने पर है, जिनसे बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके बनें और उद्यमिता की संभावना बढ़े। सरकार इस मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। उसने अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल सिखाने के लिए एक स्कीम शुरू की है। सरकार का लक्ष्य है इसके दायरे में कोडिंग, एआई, रोबॉटिक्स जैसे इंडस्ट्री 4.0 पाठ्यक्रम कवर किए जाएं। इससे देश में रोजगार के अवसर बनाने में मदद मिलेगी।
फार्मा सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को इस बजट से काफी बूस्ट मिला है। भारत दवाएं डिवेलप करने और उन्हें बनाने के मामले में वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगा। इस बजट में राष्ट्रीय विकास के हर अहम पहलू पर ध्यान दिया गया है। एग्रीकल्चर को अधिक इको-फ्रेंडली बनाने और बायो गैस डिवेलपमेंट के लिए अच्छा-खासा आवंटन करने जैसे कदम बहुत अच्छे हैं। इससे भारत की उस क्षमता का दोहन करने में मदद मिलेगी, जिसका फायदा अभी नहीं मिल पा रहा है।
फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में बदलावों से यह पर्यावरण के लिहाज से अधिक संतुलित मामला हो जाएगा। इससे पता चलता है कि भारत अपना कार्बन फुटप्रिंट बेहतर करने के लिए कितना ध्यान दे रहा है। मिलेट के लिए ग्लोबल हब बनने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत अच्छे तरीके से ध्यान दिया जा रहा है। लद्दाख में रिन्यूएबल एनर्जी के स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए 20000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह भी बहुत अच्छा कदम है। स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग की दिशा में बढ़ने के मामले में इसका बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा। प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी सरकारी गाड़ियों को रिप्लेस करने से हवा साफ रखने की हमारी कोशिशों में फायदा होगा।
चुनौती भरे आर्थिक माहौल के बावजूद वित्त मंत्री ने भविष्य पर नजर रखने वाला बजट पेश किया है। चाहे इन्क्लूसिव डिवेलपमेंट पर ज्यादा जोर की बात हो या इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट की बात हो या युवाओं की क्षमता का पूरा उपयोग करने की, केंद्रीय बजट में जिन कदमों का प्रस्ताव किया गया है, उसने आने वाले महीनों और वर्षों में टिकाऊ आर्थिक विकास हो सकेगा।
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