नई दिल्ली: देश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिनमें व्यक्ति की मौत के बाद भी परिवार वाले उसके नाम पर राशन और पेंशन समेत दूसरी सुविधाएं लेते रहते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। आधार (Aadhaar) जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (Registrar General of India) इसका पक्का इंतजाम करने जा रही हैं। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया देश में जन्म और मृत्यु का रेकॉर्ड रखने वाली संस्था है। दोनों संस्थाएं एक मैकेनिज्म पर काम कर रही हैं। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) जारी होते ही आधार डिएक्टिवेट हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस मैकेनिज्म के तहत संबंधित एजेंसी के डेथ सर्टिफिकेट जारी करते ही मृतक के परिवार के पास इसकी जानकारी भेजी जाएगी और उनकी सहमति के बाद नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा।
आधार बदलते ही बदल जाएगी पूरी कुंडली
यूआईडीएआई ने एक महत्वाकांक्षी अपडेशन एक्सरसाइज शुरू की है। जिन लोगों को 10 साल पहले आधार कार्ड जारी किए गए हैं, उनसे अपने रेकॉर्ड को अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है। इस बारे में अब तक सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है लेकिन अनुमानों के मुताबिक तीन करोड़ से अधिक लोग अपना आधार अपडेट करा चुके हैं। आधार का इस्तेमाल का दायरा बढ़ता जा रहा है। हेल्थ रेकॉर्ड से लेकर इनकम टैक्स और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए इसका यूज हो रहा है। सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहती है जिसमें आधार की डिटेल में बदलाव होने के साथ ही सारा रेकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाए। पहले चरण में ऐसे लोगों को इसमें शामिल किया जा सकता है जो अपने अहम डॉक्यूमेंट्स को रखने के लिए डिजीलॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं।