शंकरगढ़ में मानक के विपरीत चलाया जा रहा है हॉस्पिटल
बिना सर्जन और एनेस्थीसिया के मरीजों का झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है ऑपरेशन
शंकरगढ़ (प्रयागराज) शंकरगढ़ क्षेत्र में इन दिनों फर्जी अस्पतालों एवं फर्जी डॉक्टरों की भीड़ सी जमा हो गई है। और हर गली मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान खोल कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। राम भवन चौराहे में भारत गैस एजेंसी के बगल में प्रज्ञा हॉस्पिटल मे मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बिना किसी डिग्री के ओपीडी सहित सारे इलाज धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। बिना किसी डिग्री और प्रैक्टिस के बिना एनेस्थीसिया डॉक्टर के सारे ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। अस्पताल में किसी भी चीज की समुचित व्यवस्था नहीं है और धर्मशाला की तरह कमरे काटकर मरीजों को मौत के मुंह में डाला जा रहा है।यह कोई ताज्जुब की बात नहीं है पर स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे शंकरगढ़ क्षेत्र में इस तरह के फर्जी अस्पतालों का संचालन हो रहा है। फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर ऑपरेशन, पैथोलॉजी और प्रसव भी अवैध रूप से अस्पताल के अंदर किया जाता है। जबकि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के लिए डॉक्टर के पास एक डिग्री होना आवश्यक होता है। लेकिन बिना किसी रजिस्ट्रेशन के अल्ट्रासाउंड सेंटर भी चलाया जा रहा है साथ ही गलत जानकारी दे करके मरीजों के साथ छलावा भी किया जा रहा है। किसी का घर किराए पर लेकर के अस्पताल के नाम पर गोरखधंधा चलाने के लिए जिसका ना तो कहीं पर निबंधन है और ना ही प्रज्ञा नर्सिंग होम के डॉक्टर द्वारा किसी प्रकार की एमबीबीएस डिग्री लिया गया है उसके बावजूद सारे बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर अपने आप को परिपूर्ण बताने का प्रयास कर रहे हैं।प्रज्ञा नर्सिंग होम के अंदर कई अवैध कार्यों को भी अंजाम दिया जाता है और बिना किसी सुविधा के और अस्पताल का मानक के विपरीत चलाने की प्रक्रिया भी मरीजों के लिए खतरे से खाली नहीं है क्योंकि ना तो अस्पताल के पास बेहतर पार्किंग की व्यवस्था है और ना ही समुचित भवन की जिसके अंदर अस्पताल समुचित रूप से चलाया जा सके इलाज के नाम पर मरीजों के साथ धोखा किया जा रहा है और झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके ऊपर कब विपत्ति आ जाए इसका कोई ठिकाना नहीं है।स्वास्थ्य विभाग को भी भ्रमित करके नर्सिंग होम का संचालन फर्जी डॉक्टर की देखरेख में किया जा रहा है और उनकी मेडिकल शिक्षा की योग्यता के बिना ही इलाज करने की परंपरा आने वाले दिनों में कई मरीजों की मौत का कारण बन सकती है। क्योंकि बिना सर्जन और एनेस्थीसिया की अनुपस्थिति में झोलाछाप डॉक्टर की देखरेख में किया जाने वाला ऑपरेशन मरीज की मौत का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विभाग से प्रज्ञा हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड करने की कोई अनुमति नहीं है। और ना ही रिपोर्ट देखने की उसके बावजूद सारे कार्य वहां उपस्थित डॉक्टर की देखरेख में गोरखधंधे के रूप में फल फूल रहे हैं।