उत्तरकाशी। दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर रह गए। 24 घंटे से अधिक समय बीतने पर भी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बचाव कार्य जारी हैं। सोमवार की देर शाम को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए चिप्स, चने और मुरमुरे भेजे गए हैं। पाइप व वॉकी टॉकी के जरिए के जरिए श्रमिक बात कर रहे हैं।
भूस्खलन हो होकर सुरंग के अंदर आया
दरअसल सुरंग के अंदर जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ था उसे स्थान से मलबा को हटाने के लिए टीम जुटी थी। लोडर और हैवी डंपर के जरिए मलबा को हटाया जा रहा था। लेकिन जितना मलबा हटाया गया उतना ही मलबा पहाड़ी से फिर भूस्खलन हो होकर सुरंग के अंदर आया है।
सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों ने पाइप और वॉकी-टॉकी से बात की
सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप और वॉकी-टॉकी से बात करने वाले झारखंड निवासी एवं नवयुव इंजीनियरिंग कंपनी के श्रमिक सुदीप मंडल ने कहा कि मैंने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप के जरिये बात की है। फंसे श्रमिकों की आवाज सुनकर एक उम्मीद जगी है।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला के निर्देश पर सुरंग के पास एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया, जिसमें छह बेड का अस्पताल स्थापित किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसीएस पंवार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से घटनास्थल पर छह बेड का अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया। मौके पर चौबीसों घंटे मेडिकल टीमों सहित 10 एम्बुलेंस को तैनात किया गया है।
पीएम की सीधी नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी इस संबंध में हमसे बात की है। प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए प्रदेश सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।