जौलजीबी। जौलजीबी मेला वोकल फॉर लोकल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे को भी चरितार्थ कर रहा है। मेले में तमाम स्थानीय उत्पादों को बाजार मिल रहा है। बाहर से आने वाले व्यापारी और मेलार्थी हर वर्ष स्थानीय उत्पादों की जमकर खरीददारी करते हैं। दीप पर्व के चलते अभी मेला स्थल में अधिकांश दुकानें नहीं खुली हैं।
पहले दिन जो दुकानें खुली उनमें स्थानीय उत्पाद छाया रहा। सीमांत धारचूला और मुनस्यारी के दन, कालीन, चुटका, कंबल, पंखी के साथ ही देश भर में प्रसिद्ध राजमा स्टालों में सजाया गया है। मेले में आये लोगों ने इन लोकल उत्पादों की खरीददारी की।
लोकल सामान पर टिकी सबकी नजर
उच्च हिमालय में उत्पादित होने वाली औषधीय महत्व की जड़ी बूटी, मसाले आदि भी मेले में बहुतायत में पहुंचे हैं। इनमें कुटकी, जटामासी, सूखी मूली, जम्बू, गंद्रायण आदि की विशेष मांग रहती है। भैया दूज पर्व के बाद मेले में और स्थानीय उत्पाद दिखेंगे।
दूसरे शहरों से भी पहुंचे हैं कारोबारी
इस वर्ष मुरादाबाद से बिरयानी बनाने वाले व्यवसायी, आगरा के पेठे के कारोबारी और फिरोजाबाद की चूड़ियां आदि लेकर बड़ी संख्या में कारोबारी पहुंचे हैं। मेला स्थल पर तमाम सरकारी स्टाल भी लगे हैं, जिनके माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जा रही है।