बिहार में जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के यहां कल सुबह 6:00 बजे से हुई एनआईए की छापामारी लगभग 20 घंटे तक चली. इस दौरान एनआईए की टीम ने घर की पूरी तरह से तलाशी ली. तलाशी के बाद एनआईए ने प्रेस रिलीज जारी किया, जिसमें घर से 4 करोड़ 3 लाख रुपए बरामद करने की बात बताई गई. इसके साथ ही यहां पर हथियार भी बरामद होने की जानकारी दी गई है. यहां कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. एनआईए ने यह बताया गया कि साल 2023 के अगस्त महीने में औरंगाबाद जिले से दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था.
उनसे मिले इनपुट के आधार पर उस समय 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. तब से ये जांच चल रही थी. मनोरमा देवी के गांव में तीन किसानों के यहां भी छापेमारी की गई थी. हालांकि, इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई. वहीं छापेमारी होने के पूरी होने के बाद पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी मीडिया के सामने आईं. उन्होंने मीडिया कर्मी को बताया कि अचानक 6:00 बजे सुबह में एनआईए के टीम के अधिकारी आ पहुंचे और तलाशी लेने लगे. हम लोगों ने उनका पूरा सहयोग किया.
क्या बोली मनोरमा देवी?
उन्होंने कहा कि जो रुपये छापामारी के दौरान जब्त किए गए, वो बैंक से लोन लिए गए थे. इसका पूरा हिसाब-किताब इसका डिटेल हमारे चाटर्ड अकाउंट दे देंगे. वहीं हथियार के बारे में उन्होंने कहा कि यह हथियार हमारे गार्ड के हैं. उसके भी कागजात हमारे पास मौजूद हैं. सूचना के अनुसार, नक्सली को अवैध हथियार, कारतूस सप्लाई और संसाधन मुहैया करने के मामले को लेकर पूर्व एमएलसी के आवास पर एनआईए ने दबिश दी है. गया में इनसे जुड़ा एक अन्य ठिकाना भी है, जहां छापेमारी की गई है.
नक्सलियों से है पुरानी सांठ-गांठ
इसके अतिरिक्त गया के बांकेबाजार के गोइठा गांव में मौजूद सिमरन ट्रेवल्स के कार्यालय एवं इसके मालिक के आवास में भी एनआईए ने छापेमारी की. इसके मालिक द्वारिका यादव हैं. यहां बड़ी संख्या में कागजातों की जांच की गई. पेन ड्राइव, लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल समेत अन्य सामान को जब्त किया गया है. द्वारिका यादव का भी नक्सलियों से पुराना साठगांठ बताया जा रहा है. इनकी गाड़ियों का भी नक्सलियों ने कई बार उपयोग किया था. साथ ही नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाने में भी इनकी भूमिका अहम बताई जा रही है.
पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी स्वर्गीय बिंदी यादव की पत्नी हैं. उनका बेटा रॉकी यादव गया के बहुत चर्चित रोड रेंज कैसे का मुख्य अभियुक्त था. कुछ साल पहले सड़क पर साइड नहीं देने के कारण रॉकी ने एक युवक को गोली मार दी थी. इससे उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में वह काफी समय जेल में बंद रहा था. बाद में हाई कोर्ट ने इस मामले में उसे निर्दोष पाए हुए बाइज्जत बरी कर दिया. फिलहाल, वह अपने पिता का ठेकेदारी से जुड़ा व्यवसाय संभाल रहा है. उसके पिता का नाम भी नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई करने के मामले में जुड़ चुका था.