चर्चा आज की फतेहपुर ब्यूरो
फतेहपुर जहां एक तरफ भारत सरकार स्वच्छता मिशन चलाकर देश को स्वच्छ बनाए रखने में सभी को योगदान देने की बात कर रही है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल पर कुछ अधिकारियों/कर्मचारी के द्वारा उनके इस मंसूबे पर पानी फेरा जा रहा हैं। जहां मोदी सरकार हर एक सरकारी/प्राइवेट कार्यालयों पर एवं शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वच्छ भारत–स्वस्थ भारत का नारा लगाकर साफ– सफाई अभियान को सफल बनाए जाने हेतु भरसक प्रयास कर रही है फिर भी कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा स्वच्छता मिशन को ठेंगा दिखाया जा रहा है
जनपद फतेहपुर में करोड़ों रुपए की लागत से बनी सदर तहसील पर कभी भी साफ–सफाई की व्यवस्था नहीं देखने को मिलती है जहां आपको बताते चलें कि महीने के हर प्रथम शनिवार एवं तृतीय शनिवार को तहसील दिवस होने पर जिला अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी और तमाम अन्य अधिकारियों के द्वारा लोगों की समस्या सुनी जाती है और निस्तारण भी किया जाता है।लेकिन कभी भी तहसील की साफ–सफाई की व्यवस्था की ओर किसी का भी ध्यान नहीं जाता है जहां आपको बताते चलें कि तहसील के सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर ही कुछ बहुत साफ–सफाई देखने को मिलती है उसके बाद जीने से ऊपर के लिए जैसे ही चढ़ा जाता है तो फिर फैली गंदगी, सफाई व्यवस्था की पोल खोलती हुई नजर आती है इतना ही नहीं ऊपर के फ्लोर पर बने ऑफिसों पर भी कूड़ा–कचरा देखने को मिलता रहता है और महत्वपूर्ण फाइलों के ऊपर बड़ी मोटी परत में धूल जमा दिखाई देती है
अपने चैंबरों पर कभी भी नहीं मिलते कानून–गो और लेखपाल
वहीं दूसरी ओर अगर कानून–गो और लेखपालों की बात करें तो वह कभी भी अपने चैंबरों पर बैठे हुए नहीं दिखाई देते हैं जहां आपको बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्रों से अपने काम कराने के लिए चलकर आए ग्रामीण अपने क्षेत्रीय लेखपाल एवं कानून–गो को पूरी तहसील में इधर-उधर ढूंढने के लिए भटकते दिखाई देते हैं लेकिन कानून–गो और लेखपालों का कोई पता नहीं चलता है। वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार कानून–गो और लेखपाल तहसील के सामने बने कैफ़ों पर हुए दिखाई देते हैं और अपना सारा कार्य वहीं से ही करते दिखाई देते हैं ऐसा लगता है कि सरकार उनके बैठने के लिए सामने बने कैफ़ों में ही कर दिया हो। वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मायने तो कानून–गो और लेखपाल सामने बने कैफे को अपना ऑफिस इस वजह से बना रखा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से अपना कार्य करवाने के लिए आए किसानों से मोटी रकम वसूली जा सके और किसी को पता न चल सके।।