नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एसएन मेडिकल कॉलेज को डीएम न्यूरोलॉजी और डीएम नेफ्रोलॉजी में चार चार सीटों पर प्रवेश की अनुमति दे दी है। अभी तक एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी की एमडी और एमएस सीटें थी, पहली बार सुपरस्पेशियलिटी की डीएम सीटें मिली हैं। इसके अलावा 46 सीटें पीजी की बढ़ी हैं. इसके अलावा 8 सीटें डीएम की मिली हैं. कुल 54 सीटें बढ़ी हैं.
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि पैथोलाजी में नौ सीट, स्त्री रोग विभाग में पांच सीट, सर्जरी में आठ और अस्थि रोग में दो सीटें बढ़ गई हैं. डीएम में 08 सीटों में से 4 नेफ्रोलॉजी एवं 0 4न्यूरोलॉजी में बढ़ी हैं. एसएन में इस वर्ष पीजी की 54 सीटें बढ़ी हैं. एमडी, एमएस की 197 और आठ सीटें डीएम की बढ़ गई हैं- इससे पीजी की सीटें 205 हो गई हैं.
एसएन मेडिकल कालेज की स्थापना 1854 में हुई थी, एसएन में अभी तक एमबीबीएस और पीजी के एमडी और एमएस कोर्स संचालित हैं. पिछले तीन वर्ष में एमबीबीएस के साथ ही पीजी की सीटें भी बढ़ी हैं. पीजी यानी एमडी, एमएस करने के बाद विशेषज्ञता के लिए सुपरस्पेशलाइजेंशन में डॉक्टर डीएम और एमसीएच कर रहे हैं. एसएन मेडिकल कॉलेज में 200 करोड़ रुपये से सुपरस्पेशियलिटी विंग भी बनी है. 30 से अधिक डीएम और एमसीएच संविदा और स्थायी पद पर कार्यरत हैं. डीएम और एमसीएच की सीट के लिए एसएन प्रशासन ने नेशनल मेडिकल काउंसिल में आवेदन किया था. प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि डीएम न्यूरोलॉजी की चार और डीएम नेफ्रोलाजी की चार चार सीटों पर प्रवेश की अनुमति मिल गई हैं.
गुर्दा रोगियों, स्ट्रोक, न्यूरोलॉजी के मरीजों को मिलेगा इलाजआगरा जॉब्स
एसएन में न्यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी की चार चार सीटें मिली हैं. नेफ्रोलॉजी में गुर्दा रोगियों को इलाज की सुविधा मिलेगी, जबकि न्यूरोलॉजी में ब्रेन स्ट्रोक, हेमरेज, लकवा, सिर दर्द सहित न्यूरोलॉजी से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को इलाज मिलेगा