सरोजिनी नगर लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द के बच्चे हुए सम्मानित
प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द के बच्चों द्वारा नवग्रह ज्ञान नामक लघु नाटक प्रस्तुत करने हेतु रिटायर्ड शिक्षिका रमा शर्मा ने कॉपी और स्टेशनरी देकर किया सम्मानित। उपहार पाकर बच्चों के चेहरे बहुत खुश थे।
शिक्षिका रीना त्रिपाठी ने बताया कि हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं ये हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण।
पहले वरुण/प्लूटो को नौवां ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। आज भी ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह की संकल्पना लागू है। बच्चों के जन्म के पश्चात नक्षत्र ज्ञान के आधार पर उनकी कुंडली भी सनातन परंपरा में बनाई जाती है अर्थात पूरे जीवन में इन ग्रहों का क्या प्रभाव होगा यह बताया जाता है। पूरा देश आज महाकुंभ के आयोजन को देख रहा है यह आयोजन भी ग्रहों के एक विशेष प्रकार के समायोजन पर निर्भर करता है।विराट ब्रह्माण्ड में हमारा सौरमंडल जिसे मिल्की वे भी कहते हैं सबसे अलग है। इसका आकार एक तश्तरी की तरह का है। सौर मंडल की उत्पत्ति पांच बिलियन साल पहले हुई थी जब एक नए तारे का जन्म हुआ था जिसे हम सूर्य के नाम से जानते हैं। बच्चों ने लघु नाटिका के माध्यम से सौर प्रणाली में ग्रहों की जानकारी अन्य बच्चों को आकार प्रकार और उनमें पाए जाने वाले तत्वों के आधार पर अंतर बताया।
जैसा की सर्वविधिक है सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। हमारी आकाशगंगा मिल्की का तारा सूर्य है ,सूर्य के चारों तरफ अन्य ग्रह चक्कर काटते रहते हैं। पृथ्वी में जीवन सूर्य की ऊर्जा , रोशनीसे प्राप्त होती हैं।पौधों द्वारा सूर्य की रोशनी से भोजन बनाने की प्रक्रिया के कारण ही पृथ्वी में मनुष्य का जीवन संभव हो सका हैऔर सूर्य के प्रकाश से भोजन बनाने की प्रक्रिया को फोटोसिंथेसिस कहते हैं।
बच्चों द्वारा नाटक के माध्यम से सौरमंडल के ग्रहों के बारे में कुछ खास बातें प्रदर्शित की गई जिनमें से सूर्य से दूरी के हिसाब से ग्रहों का क्रम है – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और नेपच्यून.
बुध सबसे छोटा ग्रह है, जबकि बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है।
पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन है।पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में 365 दिन लेती है।पृथ्वी के उपग्रह को चंद्रमा कहते हैं और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है जिसे हम रात की रोशनी में देखते हैं।
बृहस्पति पर कोई ठोस सतह नहीं है।बृहस्पति के बादलों में तापमान बहुत कम होता है, लेकिन इसके केंद्र का तापमान बहुत ज़्यादा होता है। बुध शुक्र पृथ्वी मंगल शनि क्रमशः बढ़ते हुए क्रम में पाए जाते हैं। अन्य ग्रहों के बारे में भी इसी प्रकार क्रमशः बताया गया।
रिटायर्ड शिक्षिका एवं समाजसेविका श्रीमती रमा शर्मा ने सभी बच्चों को बताया कि इन्हीं ग्रहों नक्षत्रों के एक विशेष क्रम में आने पर बारह वर्ष के बाद बृहस्पति और शनि की विशेष स्थिति में स्थित होने तथा अन्य ग्रहों के एक विशेष क्रम में आने पर एक सौ चौआलिस साल बाद महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। हम सभी के जीवन में ग्रहों का बहुत विशेष योगदान है अतः हम सभी को उनके आकार प्रकार की जानकारी होनी जरूरी है।
श्रीमती रमा शर्मा ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया नाटक वाकई अन्य विद्यालय के बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम करेगा।
सभी बच्चों को पृथ्वी की संरचना सूर्य,पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा के बारे में विस्तार से जानना चाहिए बचपन में बच्चों ने चंदा मामा दूर के लोरी जरूर सुनी होगी। और यह जानकारी आज के तकनीकी के युग में बच्चों को है कि चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।
कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द की शिक्षिका नसीम सेहर ,सरिता देवी और सतीश कुमार के साथ-साथ बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित रहे।
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