राजेंद्र नगर निवासी और साइंस कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर अरुण तिवारी के बेटे डॉ. आशीष तिवारी जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ के डॉ. भीमराव अंबेडकर गवर्नमेंट कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने ई. राघवेंद्र राव साइंस कॉलेज में एमएससी की पढ़ाई की। इसके साथ ही उन्होंने केमिकल साइंस में नेट और फिर पीएचडी की उपाधि हासिल की। फिर कॉलेज स्टूडेंट से टीचर का सफर शुरू किया। केमेस्ट्री के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तिवारी शुरू से ही रिसर्च बेस्ड पढ़ाई करते रहे हैं। यही वजह है कि अब तक उनकी 24 इंटरनेशनल शोध प्रकाशित हो चुके हैं।
पहली बार इंटरनेशनल पब्लिकेशन में राइटर बनने मिला मौका
असिस्टेंट
प्रोफेसर डॉ. तिवारी ने बताया कि रसायन शास्त्र की पुस्तक अंतरराष्ट्रीय
पब्लिकेशन एल्सेवियर में संपादक के रूप में उनकी बुक प्रकाशित हुई है। इस
किताब का शीर्षक फंक्शनल मैटेरियल्स फ्रॉम कार्बन,इनॉर्गेनिक, एंड ऑर्गेनिक
सोर्सेज, मेथड्स एंड एडवांसेज है। उन्होंने बताया कि ये एडिटेड बुक
इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल मैटेरियल के अंतर्गत प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक
में भारत के इलावा विदेशों के प्रमुख वैज्ञानिकों ने चैप्टर लिखें है।
जिनमे प्रमुख रूप से अमेरिका, साउथ अफ्रीका, चीन, थाईलैंड, श्रीलंका,
सिंगापुर, इत्यादि देश शामिल हैं।
डॉ. तिवारी को मिल चुका है यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड
डॉ.
तिवारी शासकीय महाविद्यालय पामगढ़ में 2017 से कार्यरत हैं एवं सतत रूप से
रिसर्च एवं पब्लिकेशन में सक्रिय हैं। इनके अब तक 24 अंतरराष्ट्रीय शोध
लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी तीन अंतरराष्ट्रीय पुस्तकों में बुक चैप्टर
प्रकाशित हो चुके हैं। इन्हे छत्तीसगढ़ सांइस एवं प्रौद्योगिकी की ओर से
2012 में यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है, जिसमें उन्हें
राज्यपाल ने सम्मानित किया था।
इंडियन मार्केट में बुक की कीमत है 21000 रुपए
डॉ.
तिवारी ने बताया कि कार्बन, अकार्बनिक और कार्बनिक स्रोतों से प्राप्त
फंक्शनल मैटेरियल के बुनियादी सिद्धांतों, तंत्र और सैद्धांतिक पृष्ठभूमि
का वर्णन करती है। ग्राफीन, ग्राफीन ऑक्साइड, ऑक्साइड सामग्री,
नैनोकम्पोजिट्स, बायोमैटिरियल्स और बहुत कुछ शामिल हैं। पूरी पुस्तक में
फंक्शनल मैटेरियल्स के उत्पादन और विश्लेषण के लिए उपयोग की जाने वाली
संश्लेषण प्रक्रियाओं और लक्षण वर्णन विधियों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
यह पुस्तक फंक्शनल मैटेरियल और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अकादमिक
शोधकर्ताओं के साथ-साथ मैटेरियल साइंस और इंजीनियरिंग के उन्नत स्नातक और
स्नातकोत्तर छात्र हैं जो उन्नत मैटेरियल्स पाठ्यक्रमों के लिए पूरक
संदर्भों की तलाश में हैं। इसके इलावा फार्मास्यूटिकल्स, चुंबकीय
मैटेरियल्स, नई ऊर्जा और संचार में स्नातक / शोध छात्र / विद्वान /
इंजीनियर को भी इस पुस्तक से लाभ मिल सकता है। भारतीय बाजार में इसकी कीमत
करीब 21 हजार रुपए है।
एकेडमिक रिसर्च संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है बुक
डॉ.
तिवारी ने बताया कि यह पुस्तक विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों के
वरिष्ठ शोधकर्ताओं के लिए फायदेमंद होगी, जो सामग्री विज्ञान, नैनो
प्रौद्योगिकी, जैव सामग्री, ऊर्जा सामग्री, पर्यावरण विज्ञान और रासायनिक
इंजीनियरिंग पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, यह पुस्तक संबंधित अनुसंधान
क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए अच्छा संदर्भ होगी। नई
फंक्शनल मैटेरियल्स का विकास आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक
महत्वपूर्ण शोध का विषय है। इस पुस्तक से कार्बन-आधारित, अकार्बनिक, और
जैविक कार्यात्मक सामग्रियों से संबंधित स्थिरता, चुंबकीय, हरित, ऊर्जा
सामग्री और अन्य महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के बारे में निश्चित रूप से ज्ञान
प्राप्त होगा। पुस्तक में क्वांटम डॉट्स, बायोसेंसर, सेमीकंडक्टर सामग्री
के लिए ग्रीन संश्लेषण भी शामिल है। इसमे पारंपरिक और आधुनिक क्षेत्रों से
जुड़े सभी एडवांस मैटेरियल को शामिल किया गया है।