रेप के मामले में जेल में बंद मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद गिरि दुबला हो गया है। 10 दिसंबर को बाबा के वकील श्रीकृष्ण धौसेला, बाबा से मिलने भोपाल की केंद्रीय जेल पहुंचे। बाबा ने वकील से मुरमुरे खाने लिए 500 रुपए मांगे। वकील ने रुपए कैंटीन में जमा करा दिए। बाबा ने वकील से कहा- उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया है। नेता-चेला सब मतलबी हैं। वकील ने दावा किया कि जेल में बाबा का वजन कम हो गया है।
मिर्ची बाबा ने हाल में वकील के जरिए कोर्ट के सामने दो मांगें रखी थीं। कोर्ट को दिए आवेदन में वकील श्रीकृष्ण धौसेला ने निवेदन किया कि अभियुक्त (मिर्ची बाबा) 9 अगस्त 2022 से न्यायिक अभिरक्षा में है। वह नागा साधु है। शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थ है। ऐसे में राजनीतिक छवि, भविष्य को बर्बाद करने के उद्देश्य से उसके खिलाफ घृणित आरोप लगाए गए हैं।
इस आधार पर डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम से बाबा का पोटेंसी (मर्दानगी) टेस्ट कराया जाए। अभियोजन पक्ष ने इसका मौखिक विरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा- केस में जांच की कार्रवाई पूरी होकर चालान पेश हो चुका है। अब कोई कार्रवाई बाकी नहीं है। इस कारण कोर्ट ने मेडिकल परीक्षण का आवेदन निरस्त कर दिया।
दूसरे आवेदन में दिया ये तर्क
मिर्ची बाबा ने दूसरे आवेदन में बताया कि वह नागा साधु की परंपराओं का पालन करता है। पूरे जीवनकाल के दौरान उसे सिर के बाल, दाढ़ी के बाल, माथे पर चंदन का लेप लगाकर रखना पड़ता है। जेल अधिकारी उसके बाल कटवाने का दबाव बनाते हैं। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर केन्द्रीय जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि अभियुक्त के धार्मिक एवं संवैधानिक अधिकारों की जेल नियमावली अनुसार सुरक्षा की जाए।
जमानत के बाद हिमाचल में रहने की तैयारी
हाल में केन्द्रीय जेल से रिहा हुए कैदी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मिर्ची बाबा की जेल में उसकी हर रोज मुलाकात होती थी। बाबा बता रहा था कि उसे राजनीतिक षड्यंत्र में उलझा दिया गया है। वह खुद को बेकसूर होने का दावा करता है। बाबा कह रहा था कि जेल से जमानत के बाद भाजपा सरकार वाले राज्य मध्यप्रदेश में नहीं रहेगा। वह जेल से रिहा होते ही हिमाचल प्रदेश चला जाएगा। जब तक भाजपा की सरकार रहेगी, वह नहीं आएगा।