कनाडा में पनाह लिए बैठे एक और भारतीय गैंगस्टर सुखदूल सिंह सुक्खा दुनुके की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुक्खा ए कैटगरी का गैंगस्टर था, उसका नाम भारत के मोस्ट वॉटेंड अपराधियों की उस लिस्ट में भी शामिल था, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी (NIA) ने हाल ही में जारी किया है. हैरानी की बात ये है कि हमलावरों ने उसकी जान लेने के लिए उसे सिर में एक नहीं दो नहीं बल्कि 9 गोली मारी हैं.
घर में घुसकर हमलावरों ने मारी 9 गोली
गैंगस्टर सुखदूल सिंह सुक्खा दुनुके खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला का राइट हैंड था. वो कनाडा में रहकर भारत में अपने गुर्गों के जरिए वारदातों को अंजाम देता था. कत्ल के वक्त वो कनाडा के विनिपैग़ शहर के हैजल्टन ड्राइव रोड़ पर बने कार्नर हाउस के फ्लैट नंबर 203 में अपने घर में मौजूद था. जानकारी के मुताबिक, कनाडा के समय सुबह 9 बजे 30 मिनिट पर हमलावर उसके घर में दाखिल हुए और उसके सिर में 9 गोली मार दी. जिससे उसके सिर परखच्चे उड़ गए. पूरे कमरे में खून ही खून बिखर गया था. वारदात को अंजाम देकर हमलावर वहां से फरार हो गए.
कनाडा में ही रहती हैं सुक्खा की मां और बहन
जानकारी मिली है कि हमलावरों ने सुक्खा मारने से पहले कहा कि तूने गोल्डी के भाई गुरलाल बराड़ की हत्या करवाई थी. तेरा पूरा हाथ था उसमें. इसके बाद उसके सिर में 9 गोली मार दी गईं. सुक्खा की मां और बहन भी कनाडा में रहते हैं जबकि उसके ताया पंजाब के मोगा में रहते हैं.
सुक्खा ऐसे भागा था कनाडा
सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके ने कनाडा भागने के लिए 2017 में जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट और पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र प्राप्त किया, जबकि उसके खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस वालों से मिलीभगत करके उसने कनाडा का वीजा हासिल कर लिया था. डुनेके के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था. पंजाब पुलिस के 2 कर्मियों पर उसकी मदद करने का आरोप लगा था, बाद में उन्हें मोगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली सुक्खा के मर्डर की जिम्मेदारी
भारत से फरार गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. लॉरेंस बिश्नोई के एक फेसबुक प्रोफाइल से इस बारे में एक पोस्ट की गई है. जिसमें इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली गई है. इसके साथ ही इस पोस्ट में और गैंगस्टरों की भी धमकी दी गई है कि वो जहां मर्जी भाग लें, उन्हें पापों की सजा जरूर मिलेगी.
उस फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘हां जी सत श्री कॉल, राम राम.ये सुक्खा दुनिके के बंबिहा ग्रुप का जो इंचार्ज बना फिरता था उसका मर्डर हुआ है कनाडा के विनिपेग सिटी में. उसकी जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई ग्रुप लेता है. इस ड्रग एडिक्टेड नशेड़ी और सिर्फ अपने नशे को पूरा करने के लिए पैसों के लिए उसने बहुत घर उजाड़े थे. हमारे भाई गुरलाल बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा के मर्डर में इसने बाहर बैठकर सबकुछ किया. संदीप नंगल अंबिया का मर्डर भी इसने करवाया था पर अब इसके किए हुए पापों की सजा उसे मिल गई है. बस एक बात कहनी है जो दुक्कियां टिक्कियां अभी भी रह गई हैं जहां मर्जी भाग लो, दुनिया में किसी भी देश में चले जाओ. मत सोचो हमारे साथ दुश्मनी लेकर बचोगे, टाइम जरूर कम ज्यादा लग सकता है. लेकिन सजा सबको मिलेगी.’
सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खा की हत्या ऐसे वक्त पर हुई, जब निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच तनाव चल रहा है. दरअसल, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जून में कनाडा के एक गुरुद्वारे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कनाडा की संसद से निज्जर की हत्या में संभावित तौर पर भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया.
सुक्खा से पहले हुआ था निज्जर का मर्डर
खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर को सरे स्थित एक गुरुद्वारे के पार्किंग स्पेस के नजदीक दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी. उसकी हत्या के बाद कनाडा, लंदन और अमेरिका सहित कई जगहों पर खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर भारत विरोधी नारे लगाए और निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया.
खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने की कोशिश करने वाली जमात में हरदीप सिंह निज्जर का नाम काफी आगे था. वह पंजाब के जालंधर जिले के भारसिंहपुर गांव का रहने वाला था. हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रखा था. इसके अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
पाकिस्तान जैसा बन रहा है कनाडा
पाकिस्तान के बाद अब कनाडा भारत के दुश्मनों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. वहां कई ऐसे खालिस्तानी आतंकवादी और गैंगस्टर पनाह लिए बैठे हैं, जो भारत में मोस्ट वॉन्टेड हैं. पिछले साल 29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी, इस हत्याकांड में भी कनाडा कनेक्शन सामने आया था. सिद्धू की हत्या के मास्टरमाइंड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने वहीं बैठकर पूरी साजिश रची थी.
इतना ही नहीं कई खालिस्तानी आतंकी और खूंखार गैंगस्टर भी कनाडा की पनाह में हैं. वो वहां रहकर भारत के खिलाफ अपना एजेंडा चला रहे हैं. वो कनाडा की जमीन पर रहकर भारत के खिलाफ साजिशें रचते हैं. भारत के नौजवानों को बहला फुसलाकर अपने साथ मिलाते हैं. उन्हें पैसों का लालच देते हैं. कनाडा में नौकरी लगवाले का झांसा देते हैं और देश विरोध काम कराते हैं.
भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों की लिस्ट में नाम
हाल ही में 9 ऐसे खालिस्तानी आतंकियों और कुख्यात गैंगस्टर्स के नाम सामने आए हैं, जिनके नाम भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल हैं. जिनमें सुक्खा का नाम सबसे ऊपर दिखाई देता है-
– सुखदूल सिंह उर्फ सुखा
– गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला
– सतवीर सिंह वारिंग उर्फ सैम
– स्नोवर ढिल्लन
– लखबीर सिंह उर्फ लांडा
– अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला
– चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू बिहला
– रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज
– गगनदीप सिंह उर्फ गगना हठूर
ये सभी कनाडा में छिपकर भारत विरोधी एजेंडा चलाते हैं और ये सब राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA के रडार पर हैं. भारत सरकार ने इनमें से चार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया हुआ है. इन शातिर अपराधियों के कनाडा में होने की पुष्टि के बाद प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू हो सकती है. हालांकि, यह इतना आसान भी नहीं है. क्योंकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां कई बार इन आतंकियों और अपराधियों के कनाडा में छिपे होने के सबूत दे चुकी हैं. लेकिन कनाडा की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुराने हालात देखते हुए कनाडा से सहयोग की ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती.
18 जून को हुआ था निज्जर का मर्डर
वो 18 जून 2023 की सुबह थी. उस दिन कनाडा के सर्रे शहर के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में सुबह-सुबह जो कुछ हुआ, उसने लोगों को चौंका दिया. भारत में दसियों गुनाहों का इल्जाम अपने सिर पर लिए कनाडा में छुपे बैठे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को गुमनाम शूटर्स ने गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया. निज्जर जैसे ही पार्किंग में पहुंचा, वहां पहले से घात लगाए बैठे शूटर्स ने उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता शूटर अपना काम कर वहां से गुम हो गए.
41 आतंकियों की लिस्ट में था निज्जर और सुक्खा का नाम
ये निज्जर वो शख्स था, जिसका नाम भारत सरकार की ओर से तैयार की गई उन 41 आतंकियों की लिस्ट में शामिल था, जिसकी भारत को जिंदा या मुर्दा तलाश थी. और तो और निज्जर के ऊपर नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने 10 लाख रुपये के इनाम का ऐलान भी कर रखा था. लेकिन इससे पहले कि निज्जर को काबू किया जाता, उसके दुश्मनों ने उसे दुनिया से ही रुखसत कर दिया.
निज्जर की मौत पर ट्रूडो का बयान
निज्जर की हत्या के 3 महीने बाद अब कनाडा में मारे गए इस आतंकी को लेकर वहां की सरकार और खास कर वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जो बात कही है, उसने सिर्फ कनाडा या भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया है. सोमवार को कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमंस में ट्रूडो ने कहा, “कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”
बिना सबूत भारत पर इल्जाम
यानी ट्रूडो ने बगैर किसी सबूत के सीधे-सीधे निज्जर की मौत को लेकर भारत पर ऊंगली उठा दी और इस पर तो बवाल मचना ही था. लेकिन कनाडा की ओर से दिया गया ये बयान भी मानों काफी नहीं था, ट्रूडो के इस बयान के बाद वहां के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि वो इस वारदात के विरोध में भारत के एक प्रमुख राजनायिक को निष्कासित कर रहे हैं. अब जब कनाडा बिना सबूत के भारत पर इल्जाम पर इल्जाम लगा रहा हो, भारत के राजनायिक को देश से निकाल रहा हो, तो इस क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया तो होनी ही थी. तो बदले में भारत ने भी कनाडा के एक राजनायिक को पांच दिनों के अंदर भारत छोड़ कर चले जाने को कहा और खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के इन आरोपों का करारा जवाब दिया.
कनाडा में रहते हैं 7 लाख सिख
कनाडा की कुल आबादी करीब 38.25 मिलियन है. इनमें भारतीय मूल के 24 लाख लोग हैं. इनमें भी करीब 7 लाख आबादी सिखों की है. जो ग्रेटर टोरंटो, वैंकूवर, एडमोंटन, ब्रिटिश कोलंबिया और कैलगरी जैसी जगहों पर रहते हैं. इन 7 लाख सिखों में कई ऐसे हैं जो खालिस्तान समर्थक हैं, और ट्रूडो की नजर हमेशा इनके वोट-बैंक पर रहती है.