रांची: झारखंड सरकार विश्व के सौ विश्वविद्यालयों में नामांकन का पूरा खर्च उठाएगी। इतना ही नहीं, चयनित विद्यार्थियों के आने-जाने में जो खर्च होगा उसका भी वहन सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके लिए शीघ्र ही सीएम फेलोशिप योजना शुरू करने की बात कही। उन्होंने शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति तथा चेवनिंग मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की।
अब तक 50 विद्यार्थी लाभान्वित
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के हर स्तर पर नई शुरुआत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छह विद्यार्थियों से शुरू हुई यह योजना 25 विद्यार्थियों तक पहुंच चुकी है। अबतक कुल 50 गरीब होनहार विद्यार्थी इससे लाभान्वित हो चुके हैं।
आनेवाले समय में यह संख्या बढ़कर कितनी हो जाएगी तथा कितने बड़े समूह को प्रभावित करेगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने उत्कृष्ट विद्यालय योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना, सावित्रीबाई फूले योजना को शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया।
सरकार उठा रही शिक्षा का खर्चा
उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल से लेकर कॉलेज तक पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी ले रही है। विभिन्न बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाओं में पहले तीन टॉपरों को क्रमश: तीन लाख, दो लाख तथा एक लाख के साथ-साथ लैपटॉप तथा मोबाइल दिए जा रहे हैं ताकि उनके आगे की पढ़ाई में बाधा न हो।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आनेवाले वर्षों में छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड के होनहार गरीब विद्यार्थी दूसरे देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर झारखंड को विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
ऊंची उड़ान भरने में मिलेगा सरकार का सहयोग
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने चयनित अभ्यर्थियों से कहा कि उनकी ऊंची उड़ान में सरकार पूरा सहयोग देगी। कहा, सरकार कोई भी लाभ देती है तो कुछ शर्तें भी लगाती है, लेकिन राज्य सरकार ने इस योजना में कोई बैरियर नहीं लगाया है कि आपको पढ़ाई पूरी करने के बाद झारखंड में इतने दिन सेवाएं देनी होगी।
यह भी नहीं कहते कि आप झारखंड का नाम रौशन करें। यदि आप अपना नाम रौशन करेंगे तो अपने आप झारखंड का नाम रौशन होगा।
ब्रिटेन और आयरलैंड में उच्च शिक्षा का अवसर
इससे पहले मुख्यमंत्री ने चयनित 25 अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति के लिए प्रमाणपत्र सौंपे। ये सभी विद्यार्थी ब्रिटेन और आयरलैंड के चिह्नित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करेंगे।
इनकी पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना के तहत पहली बार अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक श्रेणी के विद्यार्थियों का चयन हुआ है। इनमें से पांच विद्यार्थियों को शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति प्रदान की कई है।
बता दें कि ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ हुए एमओयू के तहत प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिए शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना हेतु अधिकतम पांच छात्र/छात्राओं का चयन मास्टर डिग्री के लिए किया जाता है।
उनकी संपूर्ण ट्यूशन फीस झारखंड सरकार वहन करेगी। वहीं शेष लागतों का वहन विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय एफसीडीओ द्वारा किया जाता है।
चयनित विद्यार्थियों ने की सराहना
इस योजना के तहत यूनिवर्सिटी आफ ईस्ट लंदन में नामांकन के लिए चयनित ज्योति वंदना लकड़ा ने कहा कि गुमला जैसे छोटे जिले से किसी छात्रा का इतने बड़े विश्वविद्यालय में पढ़ाई का अवसर मिलना बड़ी बात है। यूनिवर्सिटी आफ केंट में एमबीए में पढ़ाई कर रहे एक विद्यार्थी ने भी इस याेजना की सराहना की।
स्कॉलरशिप के लिए मिले प्रमाणपत्र
अनुसूचित जनजाति: कमल शाश्वत, ज्योति वंदना लकड़ा, आयुष स्टीफन टोप्पो, मेरी स्मृति कुजूर, मांगू पूर्ति, प्रफुल किरण केरकेट्टा, जे नीतू सोरेन, एच सिंह मुंडा, मधुमिता मुंडा तथा स्तुति होरो।
अनुसूचित जाति: निर्भय प्रकाश, श्रवण कुमार, ओमप्रकाश कुमार, निधि बाधवार और अक्षय कुमार
पिछड़ा वर्ग: अभिषेक कुमार, मनीष कुमार, सूरज कुमार मोदी, प्रेरित राज, जिशान आलम, कुमार प्रीतम पुरी तथा मल्लिका महतो।
अल्पसंख्यक श्रेणी: हसन अली बन्ना, मो. जिशान अहमद तथा फैजान अली