एसएस राजामौली की फिल्म RRR ने इतिहास रच दिया है। इस फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता है। जैसे ही इस अवॉर्ड के लिए ‘नाटू नाटू’ गाने का नाम लिया गया, पूरा माहौल इस गाने से गूंज उठा। गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड सेरिमनी में मौजूद सभी सिलेब्रिटीज ने तालियां बजाईं। राजामौली, रामचरण और जूनियर एनटीआर खुशी से झूम उठे। लेकिन इस गाने की सफलता के लिए जितना क्रेडिट जूनियर एनटीआर, रामचरण और राजामौली को जाता है, उतना ही क्रेडिट इसके कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित को भी जाता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के महल में ‘नाटू नाटू’ की शूटिंग
‘नाटू नाटू’ गाने की शूटिंग यूक्रेन में हुई थी क्योंकि तब यहां इंडिया में लॉकडाउन की वजह से सख्ती थी। जिस समय यह गाना शूट किया गया, तब वहां रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा था। जहां-तहां लाशें जल रही थीं। ‘आरआरआर’ की टीम वहां इस गाने के साथ-साथ कुछ अहम सीन्स की शूटिंग के लिए गई थी। ‘नाटू नाटू’ गाने को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के महल में हुई थी। चूंकि वोलोडिमिर जेलेंस्की खुद एक एक्टर रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने ‘आरआरआर’ की टीम को निराश नहीं किया और वहां शूटिंग की इजाजत दे दी। रामचरण और जूनियर एनटीआर ने इस गाने के लिए एक महीने तक रिहर्सल की थी, जबकि गाने को शूट करने में दो हफ्ते लगे।
गाने के 80 वेरिएशन, Jr NTR-रामचरण ने दिए 18 रीटेक
‘नाटू नाटू’ गाने में जूनियर एनटीआर और रामचरण की फूट टैपिंग परफॉर्मेंस आज भी हर किसी को हैरान करती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गाने के हुकस्टेप के लिए 80 वेरिएशन तैयार किए गए थे। वहीं रामचरण और जूनियर एनटीआर ने इसके लिए 18 रीटेक दिए थे। बाद में जब एसएस राजामौली ने सारे रीटेक देखे तो उन्हें दूसरा वाला ज्यादा बेहतर लगा और उसे सिलेक्ट कर लिया। ‘नाटू नाटू’ तेलुगू गाना है, जिसका बाद में हिंदी वर्जन ‘नाचो नाचो’ रिलीज किया गया। इस गाने को राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव ने गाया, जबकि एमएम कीरावनी ने इसे कंपोज किया।
हीरे के व्यापारी थे प्रेम रक्षित के पिता, ऐसे फिरे दिन
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ‘नाटू नाटू’ और जिस कोरियोग्राफर Prem Rakshith की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, वह कभी सुसाइड करना चाहते थे। प्रेम रक्षित ने इस बारे में एक इंटरव्यू में खुलासा किया था। लेकिन उस सुसाइड वाले फैसले के बाद प्रेम रक्षित ने जिस तरह से अपनी जिंदगी की दिशा बदली और गोल्डन ग्लोब्स तक पहचान बनाई, उसकी कहानी हैरान कर देगी। प्रेम रक्षित ने तेलुगू और तमिल भाषा में 70 से ज्यादा फिल्मों में कोरियोग्राफी की है।
टेलर की दुकान पर किया काम, तंगी से थे परेशान
उनके पिता हीरे के व्यापारी थे, जबकि मां घर संभालती थीं। प्रेम रक्षित एक जॉइंट फैमिली में रहते थे। लेकिन 1993 में कुछ परेशानियों के चलते प्रेम रक्षित परिवार के साथ अलग हो गए। उनके पिता फिल्मों में डांस असिस्टेंट बन गए, जबकि प्रेम रक्षित टेलर की दुकान पर काम करने लगे। परिवार पर आर्थित तंगी का पहाड़ टूट गया था और प्रेम रक्षित को नौकरी नहीं मिल रही थी। वह इस तरह तंग आ गए थे कि सुसाइड करने चल दिए थे।
गोल्डन ग्लोब तक का सफर
प्रेम रक्षित ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया था और कहा था कि वह शुरुआत में राजामौली को यह बताने में झिझक रहे थे कि ‘विद्यार्थी’ में उन्होंने कोरियोग्राफी की है। प्रेम रक्षित को डर था कि कहीं उनकी डांस मास्टर की नौकरी न चली जाए। काफी हिम्मत करके प्रेम रक्षित ने एसएस राजामौली को सच बता दिया। जब राजामौली को पता चला उन्होंने प्रेम रक्षित से कहा कि वह उनकी आने वाली फिल्म ‘छत्रपति’ के एक जबरस्त मास सॉन्ग के लिए कुछ डांस स्टेप्स कंपोज करें। यह फिल्म 2005 में आई थी। प्रेम रक्षित मान गए। राजामौली को प्रेम रक्षित द्वारा कोरियोग्राफ किए गए डांस स्टेप इतने पसंद आए कि तब से वह उनकी हर फिल्म में डांस कोरियोग्राफ करने लगे। अपने करियर में वह डांस कोरियोग्राफी के लिए 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके हैं। और अब उनके कोरियोग्राफ किए गाने ‘नाटू नाटू’ गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला है।